विभागीय आचार्य सम्मेलन में भारतीय शिक्षा पद्धति पर चर्चा
विभागीय आचार्य सम्मेलन में भारतीय शिक्षा पद्धति पर चर्चा
जमालपुर. भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंधन समिति बिहार द्वारा सरस्वती विद्या मंदिर दौलतपुर में आयोजित स्त्री दिवसीय विभागीय आचार्य सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को विभिन्न शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया. जिसमें दौलतपुर, पुरानीगंज, शादीपुर और लखीसराय संकुल के 24 विद्यालयों के लगभग 400 शिक्षक शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया. दीप प्रज्वलन के बाद योग सत्र में पूनम कांति आचार्या ने सभी प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया. इसके बाद प्रत्येक विद्यालय से एक-एक आचार्य ने आशु भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. विषय था शून्य कलश आदर्श आचार्य के गुण कौशल विकास आधारभूत. विषय हमारी वंदना सभा वंदे मातरम भारतीय ज्ञान परंपरा पंचपदी शिक्षण पद्धति तकनीकी शिक्षा तथा शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग. प्रतिभागियों ने इन विषयों पर प्रस्तुति दी. इसके बाद सभी आचार्यों ने संता सत्र में भाग लिया. प्रदेश मंत्री प्रदीप कुशवाहा ने कहा कि हमें संयुक्त परिवार की भावना को आगे बढ़ना चाहिए, ताकि समाज में संस्कार एवं एकता बनी रहे. प्रधानाचार्य छठू साह इसे शिक्षकों के लिए प्रेरणादाई बताया. अंत में हिंदी एवं अंग्रेजी सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. गण गीत प्रतियोगिता हम ही मात्र शक्ति है में प्रथम शिशु मंदिर शादीपुर, द्वितीय शिशु मंदिर लल्लू पोखर और तृतीय स्थान शिशु मंदिर शंकरपुर रहा. विद्यालय उपाध्यक्ष रत्न घोष ने बताया कि यह सम्मेलन विद्या भारती की भारतीय मूल्य पर आधारित शिक्षा को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा. मौके पर चंद्रशेखर खेतान, डॉ बच्चन सिंह, सुधीर सिंह, शैल दीदी, शोभा, निशु, उप प्रधानाचार्य संतोष कुमार, शिशु मंदिर की प्रधानाचार्य किरण कुमारी और सेवा प्रमुख गंगा चौधरी मौजूद थे.
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