तारापुर अनुमंडल में शीघ्र हो सकता है व्यवहार न्यायालय का संचालन
तारापुर अनुमंडल की स्थापना के लगभग 26 वर्ष बाद व्यवहार न्यायालय का संचालन जल्उ अब तारापुर में भी हो सकता है
तारापुर.
तारापुर अनुमंडल की स्थापना के लगभग 26 वर्ष बाद व्यवहार न्यायालय का संचालन जल्उ अब तारापुर में भी हो सकता है. इसकाे लेकर जिलाधिकारी ने सरकार के विधि विभाग के सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया है. इससे उम्मीद जगी है कि तारापुर में शीघ्र अनुमंडल व्यवहार न्यायालय का सपना साकार हो सकता है. जिलाधिकारी ने अपने पत्र में कहा है कि तारापुर अंचल में रणगांव धर्मशाला भवन निर्मित है. जहां न्यायालय की स्थाई रूप से वैकल्पिक व्यवस्था होने तक न्यायिक भवन अथवा आवास के लिए संचालन हेतु धर्मशाला भवन में अस्थाई रूप से अनुमति प्रदान की जा सकती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि धर्मशाला पर पूर्णतः जिला प्रशासन मुंगेर का स्वामित्व नियंत्रण बना रहेगा. जिलाधिकारी का यह अनुमति उपसचिव सह भू संपदा पदाधिकारी, भवन निर्माण विभाग, बिहार पटना के पत्राचार के आलोक में दी गयी है. विदित हो कि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पिछले कई वर्षों से तारापुर अनुमंडल में व्यवहार न्यायालय के संचालन को लेकर गंभीर बने हुए हैं. वर्तमान में वे तारापुर के विधायक के साथ-साथ गृह विभाग के मंत्री भी हैं और इसे प्राथमिकता में ऊपर रखा गया है. अगर किसी प्रकार का अड़चन नहीं आती है तो कुछ महीनो में ही तारापुर में व्यवहार न्यायालय में कामकाज शुरू हो सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
