धरती पर अत्याचार बढ़ता है तो अवतिरत होते हैं भगवान : भगवत शरण

संत भगवत शरण जी महाराज ने कृष्ण जन्म की कथा को सुनाते हुए कहा कि जब-जब इस धरती पर दानवों का अत्याचार बढ़ता है, तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं.

By ANAND KUMAR | March 18, 2025 8:37 PM

तारापुर. वृंदावन धाम से पधारे बाल व्यास संत भगवत शरण जी महाराज ने कृष्ण जन्म की कथा को सुनाते हुए कहा कि जब-जब इस धरती पर दानवों का अत्याचार बढ़ता है, तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं और भक्तों की सहायता करते हुए धर्म की स्थापना करते हैं. वे मंगलवार को देवगांव स्थित काली विषहरी स्थान प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा महाज्ञान यज्ञ को संबोधित करते हुए कही. कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि अत्याचारी कंश अपनी देवकी को अत्यधिक प्यार करता था और बड़े ही अरमान के साथ उन्होंने उनका विवाह बसुदेव से कराया था. खुद देवकी को ससुराल छोड़ने रथ पर सवार होकर जा रहा था. तभी आकाशवाणी होती है कि जिसे तु इतना प्यार करता है उसी बहन का आठवा पुत्र तेरे मृत्यु का कारण बनेगा. तब उसी क्षण कंश ने देवकी एवं बसुदेव का रथ वापस करा लिया और दोनों को बंदी बना लिया. इसके बाद कंश देवकी के प्रत्येक संतान की हत्या करने लगा. लेकिन देवकी ने कैदखाने में ही अपने आठवें संतान को जन्म दिया. जिसे बसुदेव ने नंदबाबा के यहां रात्रि के अंधेरे में पहुंचा दिया जो बाद में कंश के मौत का कारण बना. इस प्रकार भगवान कृष्ण ने धर्म की स्थापना की. उन्होंने स्प्ष्ट कहा कि हर हाल में धर्म की जीत होती है. कथा के दौरान प्रभु आपकी कृपा से सब काम हो रहा है…, करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है.. भजन प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को खूब झुमाया.

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