profilePicture

लापरवाही : एनसीडी स्क्रीनिंग में पूरी तरह पिछड़ा मुंगेर, सूबे में 24वां स्थान

एनसीडी अर्थात नॉन कम्युनिकेबल डिजीज की जांच को लेकर मुंगेर जिला पूरी तरह पिछड़ गया है.

By AMIT JHA | March 24, 2025 6:48 PM
an image

20 फरवरी से 21 मार्च के बीच लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 23.39 प्रतिशत उपलब्धि

मुंगेर. एनसीडी अर्थात नॉन कम्युनिकेबल डिजीज की जांच को लेकर मुंगेर जिला पूरी तरह पिछड़ गया है. 20 फरवरी से 21 मार्च के बीच जिले में एनसीडी स्क्रीनिंग के निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 23.39 प्रतिशत लक्ष्य ही मुंगेर जिला स्वास्थ्य विभाग हासिल कर पाया है. यह आंकड़ा साफ दर्शाता है कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर लापरवाही बरती जा रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ सकता है.

बता दें कि एनसीडी स्क्रीनिंग, गैर-संचारी रोगों (जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और कैंसर) की शुरुआती पहचान के लिए आयोजित एक जांच प्रक्रिया है, ताकि उनका समय पर पता लगाकर इलाज शुरू किया जा सके. जिसमें 30 साल से अधिक उम्र के लोगों के एनसीडी जांच की व्यवस्था जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है. जिले में एनसीडी स्क्रीनिंग के लिए 30 साल से अधिक आयु वर्ग के कुल जनसंख्या का 37 प्रतिशत लाभुकों की संख्या 5 लाख 6 हजार 73 है. जिसमें जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को 20 फरवरी से 21 मार्च के बीच एनसीडी स्क्रीनिंग के लिए 3 लाख 79 हजार 555 का लक्ष्य दिया गया था. जिसके विरुद्ध निर्धारित अवधि तक जिले में मात्र 88 हजार 775 लोगों की ही एनसीडी स्क्रीनिंग की गयी है, जो कुल लक्ष्य का मात्र 23.39 प्रतिशत है.

प्रभावी कार्ययोजना नहीं बनने से पिछड़ा मुंगेर

बताया गया कि एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान में पिछड़ने के पीछे कई गंभीर कारण हैं. मुंगेर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस अभियान को लेकर प्रभावी कार्ययोजना नहीं बनायी गयी. वहीं ग्रामीण इलाकों में लोग इस अभियान से अनजान रहे, जिससे उनकी भागीदारी कम रही. स्वास्थ्य कर्मी, स्थानीय निकाय और प्रशासन के बीच तालमेल की कमी इस गिरावट की बड़ी वजह बनी है.

लापरवाही का लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा असर

बीमारियों की समय पर जांच नहीं होने का मतलब है कि मरीजों को बीमारी की गंभीरता का पता देर से चलेगा. जिससे इलाज महंगा और कठिन हो सकता है. डायबिटीज एवं हृदय रोग का पता समय पर न लगने से मरीजों की हालत बिगड़ जाती है. कैंसर और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का सही समय पर इलाज न होने से मृत्यु दर बढ़ती है. यदि यही लापरवाही रही तो मुंगेर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और खराब हो सकती है.

एनसीडी स्क्रीनिंग में मुंगेर जिले की उपलब्धि काफी कम है. जिसके लिए बीते दिनों सभी स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी, सीएचओ के साथ बैठक की गयी है. जिसमें निर्देशित किया गया है कि कैंप मोड में एनसीडी स्क्रीनिंग करें. साथ ही सभी को चेतावनी दी गयी है कि यदि एनसीडी स्क्रीनिंग के प्रति लापरवाही बरती जाती है तो संबंधित अधिकारी व कर्मियों को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी.

डॉ विनोद कुमार सिन्हा, सिविल सर्जनB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version