संगीत प्रेमियों को सुर देने के लिए लता मंगेशकर का धरती पर हुआ था अवतरण : मधुसूदन

अनुपम एवं अजेय सुर गंगा लता मंगेशकर की तीसरी जयंती संगीतिक कार्यक्रमों के बीच मनायी गयी.

By ANAND KUMAR | September 28, 2025 7:39 PM

कोकिलकंठी भारतरत्न लता मंगेशकर की मनी तीसरी जयंती

मुंगेर. अनुपम एवं अजेय सुर गंगा लता मंगेशकर की तीसरी जयंती संगीतिक कार्यक्रमों के बीच मनायी गयी. अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से आयोजित समारोह की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष मधुसूदन आत्मीय ने की. जबकि संचालन महासचिव प्रमोद निराला ने किया. मौके पर लता मंगेशकर के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी. इसके उपरांत सृष्टि भारती ने मां दुर्गा की वंदना कर हे गिरी नंदिनी… गीत पर सेमी क्लासिकल नृत्य किया.

अध्यक्ष ने कहा कि 15 वर्ष पूर्व मुंबई में लगभग एक माह के प्रयास के बाद महान पार्श्वगायिका लता मंगेशकर ने मात्र 10 मिनट की मुलाकात में कहा था कि था कि संसार के संगीत प्रेमियों और ज्ञान देने के लिए प्रभु ने मुझे धरती पर भेजा है. उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु के अवतारों की तरह लता जी भी इस धरा पर मां सरस्वती की अवतार बनकर अवतरित हुई थी. उन्होंने कहा कि भाषा विज्ञान और अलंकार शास्त्र यह मानता है कि शब्द में ही शक्ति निहित है. दूसरी ओर शास्त्र में यह भी कहा गया है कि शब्द ब्रह्म है. वहीं टोक्यो यूनिवर्सिटी से वापस मुंगेर लौटे फिल्म अभिनेता राजन कुमार उर्फ चांदनी चैपलिन ने कहा कि जापान में सिर्फ चार्ली चैप्लिन का स्टेज शो करना नहीं था. अपितु भारतीय संस्कृति के साथ जापानी जीवन शैली और कला का एक तालमेल करना भी था. मौके पर लता मंगेशकर के गीत जागो मोहन प्यारे… एवं तूने ओ रंगीले कैसा जादू किया… गीत पर नृत्य पेश किया. वहीं राजेश कुमार राजू ने हारमोनियम तथा कैलाश आनंद ने तबले की ताल पर गीत प्रस्तुत किया. निर्मल कुमार सक्सेना ने तुम मुझे यूं भुला न पाओगे… गीत गाकर उन्हें याद किया. जबकि स्वामी राजेश कुमार मंडल ने पुरस्कार राशि देकर हौसला आफजाई की. मौके पर महासचिव प्रमोद निराला, बेगूसराय से आए मिथिलेश कांति, जमालपुर की ईशा, महेश अंजना, देवकी मंडल, शिव मंडल सिंह, नूतन कुमारी, भूमि कुमारी, श्रेया एवं वर्षा रानी सहित अन्य को अंग-वस्त्र देकर सम्मानित किया गया.

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