नर्सिंग होम से रोगी को मुक्त नहीं करने के मामले को लेकर जांच टीम गठित, होगी काररवाई
इलाज करने के उपरांत नेशनल अस्पताल द्वारा व्यय स्वरूप बड़ी राशि की मांग की गयी.
– जिलाधिकारी ने गठित किया तीन सदस्यीय जांच टीम, मामले के साथ ही क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के मापदंडों की होगी जांच
मुंगेरसदर अस्पताल के पीछे स्थित नेशनल हॉस्पिटल से एक मरीज को मुक्त नहीं करने का मामला अब तूल पकड़ लिया है. जिलाधिकारी निखिल धनराज ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दिया है. इधर सदर अस्पताल प्रबंधन को जहां अविलंब नेशनल अस्पताल मुंगेर में भर्ती टिंकु साव को निकालकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है. वहीं जांच टीम को पूरे मामले के साथ ही नेशनल अस्पताल मुंगेर के प्रबंधन एवं कार्यप्रणाली की जांच क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के मापदंडों पर करते हुए 48 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया है.
बताया जाता है कि लखीयराय के मेदिनी चौकी निवासी टिंकु साव का सड़क दुर्घटना में पैर जख्मी हो गया था. जिसे स्थानीय लोगों द्वारा नेशनल अस्पताल मुंगेर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. इलाज करने के उपरांत नेशनल अस्पताल द्वारा व्यय स्वरूप बड़ी राशि की मांग की गयी. जिसमें परिवादी द्वारा कुछ राशि का भुगतान किया गया एवं पीड़ित के परिवार द्वारा अन्य राशि देने में अक्षमता व्यक्त की गयी. आवेदक ने शिकायत किया कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाजरत पीड़ित को परिवार से न मिलने दिया जा रहा है और न ही भोजन दिया जा रहा है. आवेदन द्वारा नेशनल अस्पताल से इलाजरत पीड़ित को बाहर निकालने का अनुरोध किया गया है. उक्त आलोक में तक्षण सदर अस्पताल प्रबंधक को निर्देश दिया गया कि अविलंब नेशनल अस्पताल मुंगेर में भर्ती टिंकु साव को निकालकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाय. साथ ही यह भी जांच करने को कहा गया है कि इस घटनाक्रम में सदर अस्पताल से उक्त पीड़ित को रेफर किया गया था अथवा नहीं.तीन सदस्यीय टीम करेंगी मामले की जांच, 48 घंटे में मांगी गयी प्रतिवेदन
जिलाधिकारी ने अपने आदेश में इस घटनाक्रम की जांच के लिए त्रि-सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है. जिसमें आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्ता संजय कुमार सिंह, सिविल सर्जन मुंगेर डॉ रामप्रवेश एवं सदर अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ निरंजन कुमार को शामिल किया गया है. गठित टीम को निर्देश दिया कि परिवादी द्वारा समर्पित आवेदन में वर्णित तथ्यों की सूक्षमतापूर्वक गहन जांच कर 48 घंटे के अंदर अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. जिसमें दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव निश्चितरूपेण अंकित करने को कहा गया है. जांच दल को विशेष तौर पर नेशनल अस्पताल मुंगेर के प्रबंधन एवं कार्यप्रणाली की जांच क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में प्रावधानित सभी मापदंडों के आलोक में करेंगे, ताकि समुचित अग्रेतर कार्रवाई की जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
