नरसिंह अवतार प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावविभोर, नारायण के लगे जयकारे

वृंदावन से पधारे कथावाचक आचार्य राम अवतार राजगुरु ने श्रद्धालुओं को नृसिंह अवतार का प्रसंग सुनाया.

By Prabhat Khabar News Desk | March 7, 2025 8:22 PM

कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना प्रभुजी चले आना… भजन पर झूमे श्रद्धालु

संग्रामपुर. वृंदावन से पधारे कथावाचक आचार्य राम अवतार राजगुरु ने श्रद्धालुओं को नृसिंह अवतार का प्रसंग सुनाया. वे शुक्रवार को संग्रामपुर के चंदनिया गांव स्थित काली मंदिर के प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए कही. इस दौरान पूरा पंडाल श्रद्धालुओं के नारायण जयकारे से गूंज उठा. कथावाचक ने कहा कि पूर्व काल में दैत्य राज पुत्र महाबली हिरण्य कश्यप ने ब्रह्माजी के वर से गर्वयुक्त होकर संपूर्ण त्रिलोकी को अपने वश में कर लिया. भक्त प्रहलाद एक दिन अपने गुरु के साथ पिता के पास गए. उस समय पिता मद्यपान कर रहे थे. तब अपने चरणों में झुके हुए अपने पुत्र प्रहलाद को गोद में उठाया और प्रहलाद ने अपने पिता से हरि का नाम लेने को कहा. तब दैत्य राज ने उसे गोद से उठाकर दूर फेंक दिया और उसे मारने का अनेकों प्रयास किया. एक दिन भक्त प्रहलाद अपने सहपाठियों के साथ हरि का नाम ले रहा था. उसकी आवाज दैत्यराज के कानों में पहुंची तो दैत्यराज ने कहा कि तेरा हरि कहां है. तो प्रहलाद ने कहा कि मेरा हरि तो कण-कण में विद्यमान है. दैत्यराज ने कहा कि इस पत्थर नुमा खंभे में हरि कहां हैं, तभी भगवान प्रहलाद की लाज रखने के लिए उस खंभे में से निकलकर भगवान ने नृसिंह अवतार लिया ओर दैत्यराज का वध किया. कथा के दौरान कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना प्रभुजी चले आना… भजन सुनाया गया. जिसे सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गये. मौके पर चंदन कुमार, वार्ड पार्षद सरोजनी देवी, ग्रामीण धर्मवीर कुमार, राजेश कुमार, विपिन कुमार, अमरनाथ मंडल, जयप्रकाश मंडल, पिंटू कुमार, दिवाकर बिंद, राहुल कुमार सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे.

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