सदर अस्पताल में बढ़ रहे दस्त व डायरिया के मामले, दिसंबर माह के भर्ती हुए 206 मरीज

सदर अस्पताल में बढ़ रहे दस्त व डायरिया के मामले

By AMIT JHA | December 28, 2025 11:44 PM

मुंगेर. मुंगेर जिले में गर्मी, बारिश व बाढ़ के बाद ठंड के दिनों में सबसे अधिक दस्त व डायरिया के मामले बढ़ जाते हैं. इसे सदर अस्पताल में भर्ती हो रहे मरीजों के आंकड़े को देख कर ही समझा जा सकता है. सदर अस्पताल में साल 2025 में अबतक के 11 माह 27 दिनों में कुल 4,671 दस्त व डायरिया के मरीज अपना इलाज करा चुके हैं. इसमें दिसंबर माह के 27 दिनों में ही सदर अस्पताल में दस्त व डायरिया के 206 मरीज भर्ती हाे चुके हैं. इस साल सर्वाधिक जुलाई माह में 1,324 दस्त व डायरिया के मरीज इलाज के लिये भर्ती हुए.

जनवरी से मार्च तक ठंड के कारण दस्त व डायरिया के मामले बढ़ जाते हैं. अप्रैल से लेकर जून तक बेतहासा गर्मी के कारण इसके मामले बढ़ते हैं. जुलाई व अगस्त के बीच बाढ़ के कारण अक्तूबर माह तक दस्त व डायरिया के मामले बढ़ जाते हैं. दोबारा नवंबर से दिसंबर के बीच ठंड के कारण इसके मामले बढ़ते हैं. इसके कारण ही सदर अस्पताल में जनवरी से दिसंबर माह के 27 दिनों में दस्त व डायरिया के 4,671 मरीज इलाज के लिए भर्ती हो चुके हैं. इसमें सबसे अधिक दस्त व डायरिया के मरीज जुलाई व अगस्त माह में बाढ़ के दौरान पहुंचे. जुलाई माह में सदर अस्पताल में 1,324 दस्त व डायरिया के मरीज भर्ती हुये हैं. अगस्त माह में 520 दस्त व डायरिया के मरीज भर्ती हुये हैं.

फाइलों व कार्यक्रमों तक ही सिमटा सघन दस्त नियंत्रण अभियान

सरकार द्वारा दस्त व डायरिया के मामले को कम करने व इस बीमारी से बचाव के लिये प्रत्येक साल 13 जुलाई को सघन दस्त नियंत्रण अभियान चलाया जाता है. जिले में दस्त नियंत्रण अभियान केवल फाइलों तक ही सिमट कर रह गया है. जो खुद सदर अस्पताल में दस्त व डायरिया के मरीजों के आंकड़ों को देखकर ही समझा जा सकता है. इतना ही नहीं जिला स्वास्थ्य विभाग को पूरे साल में केवल एक बार ही लोगों को दस्त व डायरिया से बचाव के प्रति जागरूक करने की याद आती है.

कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक

सदर अस्पताल प्रभारी उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि दस्त व डायरिया के मुख्यत कई कारण होते हैं. गर्मी के दिनों में शरीर में पानी की कमी होने से दस्त व डायरिया होता है. ठंड के समय दूषित भोजन या ठंड लगने के कारण ही दस्त की शिकायत होती है. ऐसे में किसी भी मौसम में लोगों को बचाव के प्रति जागरूक रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल के मॉडल अस्पताल में अब दस्त व डायरिया के मरीजों के लिये अलग से वार्ड की व्यवस्था है, जहां उनका इलाज किया जाता है.

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