सजने लगा भीमबांध, सर्दी में लगेगा पर्यटकों का जमावड़ा

हवेली खड़गपुर : राज्य सरकार ने भीमबांध के विकास एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनायी हैं. जिसके कारण अब भीमबांध का सौंदर्य धरातल पर दिखने लगा है. भीमबांध क्षेत्र इको टूरिज्म के रूप में विकसित हो सके और जंगलों में बसे आबादी तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे. इसके लिए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 13, 2019 6:40 AM

हवेली खड़गपुर : राज्य सरकार ने भीमबांध के विकास एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनायी हैं. जिसके कारण अब भीमबांध का सौंदर्य धरातल पर दिखने लगा है.

भीमबांध क्षेत्र इको टूरिज्म के रूप में विकसित हो सके और जंगलों में बसे आबादी तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे. इसके लिए गर्म जलाशय के सुदृढ़ीकरण व चौड़ीकरण कर इससे सिंचाई सुविधा विकसित करने तथा बागवानी प्रारंभ करने का कार्य चल रहा है. साथ ही यहां विश्राम गृह निर्माण कार्य पूरा कर लिए जाने से भीम बांध के सौहार्द में चार चांद लग गया है.
15 दिसंबर से 15 जनवरी तक रहती है पर्यटकों की भीड़
भीमबांध को पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार की वर्तमान योजनाएं पायलट प्रोजेक्ट के रूप में धरातल पर उतारी जा रही है. मालूम हो कि खड़गपुर प्रखंड के उत्तरी क्षेत्र की सीमा में ऋषिकुंड, दक्षिण क्षेत्र की सीमा में भीमबांध और मुख्यालय से 3 किलोमीटर पश्चिम खड़गपुर झील का सौंदर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है. 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक देश, प्रदेश और स्थानीय लोगों का यहां आना-जाना भारी संख्या में जारी रहता है.
खड़गपुर में पर्यटन का विकास हो सके, इसके लिए बिहार सरकार 1990 से प्रयास कर रही है. पूर्व में खड़गपुर झील पर 100 शैया का कैफेटेरिया निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया था. वर्ष 2004 में राज्य सरकार भीम बांध को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए न केवल योजनाएं बनायी, बल्कि इसके लिए राशि भी उपलब्ध करायी गयी.
किंतु खड़गपुर के इतिहास में 5 जनवरी 2005 काला अध्याय जुड़ गया, जब भीम बांध में नक्सलियों ने मुंगेर के तत्कालीन आरक्षी अधीक्षक केसी सुरेंद्र बाबू सहित छः पुलिसकर्मियों की लैंड माइंस विस्फोट कर हत्या कर दी. किंतु सरकार ने एक बार फिर खड़गपुर को ऋषिकुंड झील से भीम बांध तक नेशनल पार्क के रूप में विकसित करने के लिए सराहनीय कदम उठाया है.
इससे खड़गपुर देश के नक्शे पर जगह बनाने में सफल साबित होगा. ऋषिकुंड और भीमबांध की तलहटी में निरंतर बहते हुए गर्म जल तथा पहाड़ी शृंखलाओं का नैसर्गिक सौंदर्य लोगों को आकर्षित करता है. यहां के गर्म जल में सल्फर होने के कारण औषधीय गुण है, जो चर्म रोग व पेट रोग को खत्म करता है.

Next Article

Exit mobile version