Madhubani : एमपीएससीडीआर पोर्टल का मेडिकल ऑफिसरों को दिया गया प्रशिक्षण

मातृ-शिशु की मृत्यु के कारण मैटरनल पेरिनेटल चाइल्ड डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस वेबसाइट पर डाटा अपलोड किया जाता है.

By DIGVIJAY SINGH | November 17, 2025 9:21 PM

0-5 वर्ष तक के बच्चों की होने वाली मृत्यु की शत-प्रतिशत प्रविष्टि एचआईएमएस एवं एमपीएससीडीआर पोर्टल पर करना अनिवार्य मधुबनी . जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए मातृ-शिशु की मृत्यु के कारण मैटरनल पेरिनेटल चाइल्ड डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस वेबसाइट पर डाटा अपलोड किया जाता है. ताकि मातृ-शिशु मृत्यु के आंकड़ों में कमी लायी जा सके. इसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विकसित एमपीसीडीएसआर पोर्टल जो 1 नवंबर 2022 से जिला में पूर्णत: लागू किया गया है. इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिशु मृत्यु की समीक्षा से संबंधित आंकड़े की रिकॉर्डिंग, रिपोर्टिंग, विश्लेषण आदि किया जाता है. पोर्टल से संबंधित जिले के चिन्हित स्वास्थ्य केंद्रों के मेडिकल ऑफिसर को पोर्टल से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण सोमवार को दिया गया. प्रशिक्षण क्षेत्रीय मूल्यांकन पदाधिकारी खतीबुर रहमान द्वारा दिया गया. क्या है एमपीसीडीएसआर सॉफ्टवेयर सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि एमपीसीडीएसआर पोर्टल के माध्यम से शिशु मृत्यु का ब्योरा ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज होता है. पहले जिले में शिशु मृत्यु दर समीक्षा की रिपोर्ट मैन्युअल दर्ज किया जा रहा था. शिशु मृत्यु की समीक्षा रिपोर्ट दर्ज होने के बाद शिशु मृत्यु की समीक्षा व कारणों को पता लगाने में सहूलियत होती है. इस नई पहल को जिले में शुरुआत कर दिया गया है. इसका आने वाले दिनों में बेहतर परिणाम देखने को मिलेगा. स्वास्थ्य विभाग शिशु मृत्यु दर की समीक्षा रिपोर्ट प्रक्रिया को सुगम और सरल बनाने के लिए डिजिटलाइजेशन पर विशेष जोर दे रहा है. क्या है उद्देश्य क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया इसका मुख्य उद्देश्य है कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ससमय समीक्षा कर उसका त्वरित निष्पादन करने में सहूलियत होगी. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए राज्य स्तर पर शिशु मृत्यु दर की समीक्षा को मैटरनल पेरिनेटल एंड चाइल्ड सर्विलांस रेस्पोंस सॉफ्टवेर यानी एमपीसीडीएसआर सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है. एसआरएस वर्ष 2020 के अनुसार बिहार के शिशु मृत्यु दर में 2 अंकों की कमी आई है. राज्य की शिशु मृत्यु दर घटकर 27 हो गयी है. वहीं, देश का शिशु मृत्यु दर 28 है, जो राज्य के शिशु मृत्यु दर से 1 अंक अधिक है. विगत पांच सालों से जिले के शिशु मृत्यु दर में निरंतर कमी आ रही है। वर्ष 2015 में जिले की शिशु मृत्यु दर 42 थी, जो 2016 में घटकर 38 हुई एवं 2020 में यह आंकड़ा 27 पर आ गया. मौके पर सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार, एनसीडीओ डॉ. एसएन झा, सीडीओ डॉ. जीएम ठाकुर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा, जिला अनुश्रव एवं मूल्यांकन पदाधिकारी सुनील कुमार, डीपीसी प्रदीप यादव सहित सभी चिकित्सा पदाधिकारी शामिल थे.

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