Madhubani News : मधुबनी में रोजगार की संभावनाएं पहले से अधिक हुई मजबूत
जिले में बीते कुछ वर्षों में रोजगार की संभावनाएं पहले की तुलना में काफी बेहतर हुई हैं.
मधुबनी.
जिले में बीते कुछ वर्षों में रोजगार की संभावनाएं पहले की तुलना में काफी बेहतर हुई हैं. यह बदलाव सरकारी योजनाओं, बुनियादी ढांचे के विकास व स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के बढ़ते अवसर के कारण देखने को मिला है. वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, जिले में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रोजगार सृजन की गति तेज हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत काम के दिनों में बढ़ोतरी से बड़ी संख्या में मजदूरों को स्थानीय स्तर पर पलायन रूका है. इसके साथ ही कृषि आधारित गतिविधियों जैसे सब्जी उत्पादन, डेयरी, मछली पालन और मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन मिलने से किसानों की आय में सुधार हुआ है. शहरी क्षेत्रों में छोटे उद्योग, हैंडीक्राफ्ट, मधुबनी पेंटिंग, रेडीमेड वस्त्र और फूड प्रोसेसिंग यूनिट के विस्तार ने युवाओं के लिए नए रास्ते खोले हैं. जिला प्रशासन द्वारा कौशल विकास कार्यक्रमों और प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन से युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण मिला है, जिससे उनकी रोजगार क्षमता बढ़ी है. ऑनलाइन सेवाओं और ई-गवर्नेंस के विस्तार से आईटी आधारित रोजगार के छोटे लेकिन स्थायी अवसर भी सामने आए हैं.दूर हो रही बेरोजगारी: एक साल में तीन हजार युवाओं को मिला रोजगार
जिले में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने की दिशा में बीते एक वर्ष के दौरान ठोस प्रगति देखने को मिली. ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2025 में करीब तीन हजार युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराया गया है. यह उपलब्धि सरकारी योजनाओं, कौशल विकास कार्यक्रमों और स्थानीय स्तर पर बढ़ी आर्थिक गतिविधियों का परिणाम है. शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार और निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं. कंप्यूटर प्रशिक्षण, सिलाई-कढ़ाई, इलेक्ट्रिशियन, मोबाइल रिपेयरिंग और ड्राइविंग जैसे कोर्स पूरा करने वाले युवाओं को नौकरी या स्वयं का काम शुरू करने का अवसर मिला.रोजगार देने अब आने लगी हैं विदेशी कंपनियां :
जिले में साल 2020-21 तक मधुबनी में बाहरी कंपनियां रोजगार देने के इच्छुक नही रहती थी, लेकिन अब रोजगार की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव आया है. आंकड़ों के अनुसार 2025 में बेरोजगारों को नौकरी देने का प्रयास काफी किया गया. 2025 में तकरीबन 60 कंपनियां रोजगार मेले का हिस्स बन चुकी है. एक साल में तकरीबन 1300 युवाओं का रोजगार के लिए चयन किया गया. पहले की तुलना में अब मधुबनी में रोजगार के मामले में बड़ा अंतर आया है. वहीं औद्यौगिक इकाई पहले रोजगार देने में लोकल लेबल पर 2000 से अधिक नौकरी दी है. अब बाहर की कंपनियां भी जिले में रोजगार सृजन के उद्देश्य से आने लगी हैं. पिछले कुछ सालों में मैन्युफैक्चरिंग, फूड प्रोसेसिंग, सर्विस सेक्टर और हैंडीक्राफ्ट से जुड़ी कई कंपनियों ने जिले में अपनी रुचि दिखाई है. कुछ ने स्थानीय युवाओं की भर्ती भी की है. इससे प्रत्यक्ष रूप से युवाओं को नौकरी मिल रही है और अप्रत्यक्ष रूप से परिवहन, पैकेजिंग, मार्केटिंग और सप्लाई से जुड़े रोजगार भी बढ़ रहे हैं. जिले में रोजगार सृजन के लिए यह धारणा हमेशा से रही है कि यहां नियमित रूप से रोजगार मेले आयोजित होते रहे हैं. जिला नियोजन कार्यालय के अनुसार 41 हजार युवा नियोजनालय में निबंधित है. जिन्हें नौकरी की तलाश है. एक साल में दो नियोजन मेला एवं पंद्रह नियोजन कैंप लगाये गये हैं. जीविका द्वारा भी रोजगार मेला में तकरीबन एक हजार युवा को रोजगार दिया गया. इन मेलों का उद्देश्य एक ही मंच पर नियोक्ता और रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं को जोड़ना रहा है. रोजगार मेलों में निजी कंपनियां, स्थानीय उद्योग, प्रशिक्षण संस्थान और स्वरोजगार से जुड़ी एजेंसियां हिस्सा लेती रही है.जिले के लिए बीता एक साल रोजगार के लिहाज से सकारात्मक रहा है. विभिन्न सरकारी और निजी पहलों के चलते जिले में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है. प्रशासनिक आंकड़ों और स्थानीय आकलन के अनुसार रोजगार के नए अवसर बढ़ने से बड़ी संख्या में युवाओं को काम मिला है, जिससे बेरोजगारी की स्थिति पहले की तुलना में बेहतर हुई है. बीते एक साल में जिले में कई रोजगार मेले आयोजित हुए, जिनमें स्थानीय युवाओं का चयन हुआ. साथ ही छोटी और मध्यम कंपनियों के जिले की ओर बढ़ते रुझान से भी रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं.
मधुबनी में तीन सौ से अधिक लघु और कुटीर उद्योग :
जिले में लघु और कुटीर उद्योग रोजगार का मजबूत आधार बनते जा रहे हैं. एक आंकड़ों के अनुसार जिले में तीन सौ से अधिक लघु एवं कुटीर उद्योग सक्रिय रूप से संचालित हैं, जो सैकड़ों परिवारों की आजीविका का मुख्य साधन बने हुए हैं. इन उद्योगों के कारण न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि जिले की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है. इन उद्योगों में प्रमुख रूप से मधुबनी पेंटिंग, हथकरघा, बुनकरी, अगरबत्ती निर्माण, मोमबत्ती, फर्नीचर, खाद्य प्रसंस्करण, अचार-पापड़, मसाला उद्योग, सिलाई-कढ़ाई और हस्तशिल्प, लेदर बैग, ब्रेकरी से जुड़े कार्य शामिल हैं. खास बात यह है कि इनमें बड़ी संख्या में स्थानीय युवा और महिलाएं कार्यरत हैं, जिससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों के विस्तार से पलायन पर भी अंकुश लगा है. मधुबनी में संचालित तीन सौ से अधिक लघु और कुटीर उद्योग जिले के विकास और रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
