Madhubani News : सेमिनार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का बताया महत्व
टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, मधेपुर में समावेशी और सतत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना विषय पर जवाहर प्लस 2 उच्च विद्यालय, मधेपुर में सेमिनार का आयोजन किया गया. इसका उद्देश्य समाज को समावेशिता एवं सतत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व के प्रति जागरुक करना था.
मधेपुर. टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, मधेपुर में समावेशी और सतत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना विषय पर जवाहर प्लस 2 उच्च विद्यालय, मधेपुर में सेमिनार का आयोजन किया गया. इसका उद्देश्य समाज को समावेशिता एवं सतत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व के प्रति जागरुक करना था. वहीं, तिलावत-ए-क़ुरआन, सरस्वती वंदना एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहम्मद इरफान आलम को बुके भेंट कर स्वागत किया गया. मुख्य वक्ता डाॅ. बिमलेश कुमार सिंह, सहायक प्राध्यापक, मधेपुर टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, मधेपुर से थे. उन्होंने समावेशी शिक्षा के अर्थ पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह शिक्षा सभी शिक्षार्थियों के लिए है. चाहे उनका लिंग, जाति, क्षमता, भाषा या सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो. उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए समान अवसर, सतत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की अवधारणा, शिक्षण–अधिगम प्रक्रिया में दीर्घकालिक सुधार, कौशल, मूल्यों एवं आजीवन सीखने पर ध्यान तथा समावेशन में शिक्षकों की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने शिक्षार्थी-अनुकूल एवं सहायक कक्षा वातावरण के निर्माण तथा बाल-केन्द्रित एवं गतिविधि-आधारित शिक्षण विधियों को अपनाने पर बल दिया. सेमिनार के दूसरे विशेषज्ञ गौरी शंकर ठाकुर ने नवाचारी शिक्षण विधियों के उपयोग, शिक्षण में आइसीटी एवं डिजिटल संसाधनों के समावेशन, अनुभवात्मक अधिगम एवं सहयोगात्मक गतिविधियों, समावेशी शिक्षा की चुनौतियों जैसे संसाधनों एवं आधारभूत संरचना की कमी, शिक्षक प्रशिक्षण एवं जागरुकता की आवश्यकता तथा सुधार की रणनीतियों पर चर्चा की. उन्होंने शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास, समुदाय की भागीदारी, विद्यालय – महाविद्यालय सहयोग तथा शिक्षा के माध्यम से समानता, सम्मान एवं सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने वाले मूल्यों और नैतिकता के महत्व को रेखांकित किया. रिंकू कुमारी ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि समाज एवं राष्ट्र के सतत विकास के लिए समावेशी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की अत्यंत आवश्यकता है. अब्दुल मन्नान ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विकास का वरदान है और इसके बिना कोई भी देश अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकता. विद्यालय के प्रधानाचार्य इरफान आलम ने भी अपने संबोधन में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा समाज की बुनियादी आवश्यकता है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बिना कोई भी समाज अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता. सेमिनार में बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे और उन्होंने इस कार्यक्रम से लाभ प्राप्त किया. धन्यवाद ज्ञापन महेश कुमार सिंह ने किया.
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