Madhubani News : मैथिली अकादमी में ताला बंदी होना घोर निंदनीय : प्रो शीतलांबर
मैथिल समाज रहिका के महासचिव प्रो शीतलांबर झा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बिहार के राजधानी पटना में 1976 में स्थापित मैथिली अकादमी में ताला बंदी होना घोर निंदनीय एवं दुखदाई है.
मधुबनी. मैथिल समाज रहिका के महासचिव प्रो शीतलांबर झा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बिहार के राजधानी पटना में 1976 में स्थापित मैथिली अकादमी में ताला बंदी होना घोर निंदनीय एवं दुखदाई है. तत्कालीन सरकार के द्वारा राज्य में भाषाई अकादमी का गठन किया था. जिससे क्षेत्रीय भाषाओं को संरक्षण एवं संवर्धन हो सके. लेकिन वर्तमान सरकार ने राज्य के एकमात्र संवैधानिक मान्यता प्राप्त मैथिली भाषा के अकादमी को बंद करना पूरे मिथिलावासियों का अपमान है. प्रो झा ने कहा है कि मैथिली अकादमी ने अभी तक महत्वपूर्ण 213 पुस्तकों का प्रकाशन किया था जिसमें से नौ पुस्तकों को साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है. ये पुस्तकें देश के कई राज्यों के विश्वविद्यालय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर में पढ़ाई जाती है शोधार्थी एवं पीएचडी करने वाले छात्र छात्राओं को मार्गदर्शन का काम करता है. मैथिली अकादमी के पुस्तकों की मांग विदेशों में भी है ढेरों उपलब्धियों के बावजूद बिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पिछले पांच महीनों से अकादमी के कार्यालयों को बंद करना कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मिथिला क्षेत्र से एनडीए को बहुत भारी जनसमर्थन मिला है. लेकिन सात करोड़ मिथिलावासियों के मातृभाषा मैथिली पर लगातार हमला होना घोर आश्चर्यजनक है. प्रो झा ने आरोप लगाया है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत मिथिला क्षेत्र के छात्र छात्राओं को मैथिली भाषा पढ़ने से रोक रही है ताकि यहां के छात्र उच्च पदाधिकारी नहीं बन सके. प्रो झा ने कहा है कि मिथिलावासियों का अपमान बंद नहीं हुआ तो जोरदार आंदोलन होगा. उन्होंने घोषणा किया है बिहार सरकार के मिथिला मैथिली विरोधी मानसिकता को देखते हुए दिनांक 31 दिसंबर बुधवार को रहिका प्रखंड कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगी एवं सरकार के नाम एक स्मारपत्र प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से देगी और यदि अविलंब मैथिली अकादमी का ताला खोलने , प्रयाप्त बजट एवं पूर्ण कालीन कमिटी का गठन नहीं हुआ तो मैथिल समाज रहिका मुख्यालय में भी धरना प्रदर्शन करेगा.
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