Madhubani News : ठंड का असर : 10 घंटे विलंब से पहुंची स्वतंत्रता सेनानी सुपर फास्ट
दो तीन दिनों से कड़ाके की ठंड जारी है. 5-7 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही पछिया हवा चलने के कारण कनकनी बढ गयी है.
मधुबनी
. दो तीन दिनों से कड़ाके की ठंड जारी है. 5-7 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही पछिया हवा चलने के कारण कनकनी बढ गयी है. लगातार दो तीन दिनों से सूर्य नहीं निकल रहे. पछिया हवा के कारण लोग घरों में दुबके रहे. आम इंसान से लेकर पशुओं को भी ठंड से वचाव के लिए अलाव ही सहारा रहा. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार शनिवार को को अधिकतम तापमान 17.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.1 डिग्री सेल्सियस कम है. वहीं न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर ए सत्तार ने कहा कि आगामी दो दिनों के बाद पुरवा हवा चलने का अनुमान है. कुहासा के कारण सबसे अधिक समस्या रेल यात्रियों को हो रही है. कुहासा के कारण शुक्रवार को नई दिल्ली जयनगर स्वतंत्रता सेनानी सुपर तय समय शाम 6:34 से लगभग 10 घंटे विलंब होकर सुबह 4 बजे पहुंची. ट्रेनों के विलंब परिचालन के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य जाने के लिए शारीरिक, मानसिक व आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. ठंड के बाद भी शनिवार को सदर अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर मरीजों की भीड़ रही. ठंड के कारण सर्दी, खांसी, बुखार, बीपी, स्ट्रोक सहित ज्वाइंट पेन से प्रभावित मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. शनिवार को सदर अस्पताल ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर 435 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सबसे अधिक मेल ओपीडी में लगभग 175 मरीजों, इसमें सर्दी, खांसी, बुखार, स्ट्रोक, बीपी, डायबिटीज के मरीज शामिल रहे. मेल ओपीडी में डॉक्टर सितांशु कुमार द्वारा मरीजों को इलाज व परामर्श दिया गया. चाइल्ड ओपीडी में 40 बच्चों का इलाज शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डीके झा द्वारा किया गया. इसके अलावा शेष मरीजों में डेन्टल, आई, व अन्य मरीज शामिल रहे. इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा आवश्यकतानुसार इलाज व परामर्श दिया जा रहा है. चिकित्सकों की माने तो ठंड के मौसम में मरीजों को सतर्क रहने की जरुरत है. बढ़ती हुई ठंड के कारण सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में वार्मर लगाने की कवायद शुरु कर दी गई है.दमा व बीपी के मरीज रखें अपना विशेष ख्याल : सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सितांशु कुमार ने बताया है कि ठंड में दमा व ब्लड प्रेशर के मरीज अधिक प्रभावित होते हैं. इसका मुख्य कारण सांस लेने वाले ग्रंथियों में सांस का अवरुद्ध होना है. इसके अधिकतर शिकार धूम्रपान का अधिक सेवन करने वाले मरीज होते हैं. ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर के मरीज का ब्लड प्रेशर अधिक हो जाता है. इसका मुख्य कारण नसों में सिकुड़न होता है. ऐसे में हार्ट अटैक के मरीज की संख्या में बढ़ोतरी का कारण हर्ट को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन नहीं मिलना होता है. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को दवा का नियमित सेवन करना चाहिए.
डायरिया से बचाव के लिए करें यह काम :
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ धीरेंद्र कुमार झा ने कहा कहा कि ठंड के मौसम में बच्चों को गर्म कपड़ों में लपेट कर रखना चाहिए. बच्चों को आग से नहीं सेकना चाहिए. बच्चों को डायरिया से बचाव के लिए टीकाकरण से लेकर ओआरएस व जिंक सदर अस्पताल में उपलब्ध है. 0 से 28 दिन के नवजात शिशुओं को सदर अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती किया जाता है. इससे ऊपर आयु के बच्चों को पेडियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया जाता है. उन्होंने जाड़े के दिनों में बच्चों के लिए सबसे सही ब्रेस्टफीडिंग को बताया है. मां को अपने बच्चों को बराबर स्तनपान कराते रहना चाहिए. बच्चों को कभी खाली पेट नहीं रखना चाहिए. हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव रंजन ने कहा, कि ठंड में गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए. इसके साथ ही नियमित व्यायाम करना चाहिए. जोड़ों के दर्द से संबंधित मरीजों को गर्म कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए. ठंड से बचना चाहिए, नीचे नहीं बैठना चाहिए. ठंड के मौसम में बच्चों और बुजुर्गों के पूरे शरीर को हमेशा गर्म कपड़े से ढक कर रखना चाहिए. इसके साथ ही समय-समय पर ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर की जांच कराते रहना चाहिए. पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
