परमात्मा से जुड़ने के लिए जरूरी है विश्वास का डोर: उदयानंदजी महाराज

परमात्मा से जुड़ने के लिए भक्ति जरूरी है. भक्त और परमात्मा के बीच विश्वास की डोर बंधा हुआ है

By Kumar Ashish | April 6, 2025 6:10 PM

श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ से प्रफुल्लित हो रहा लोगों का मन, भक्तिमय हुआ वातावरण- प्रतिनिधि, उदाकिशुनगंज डोहटबारी मुहल्ले में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ जारी है. यज्ञ में लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. यज्ञ से आसपास का इलाका भक्तिमय हो गया है. यज्ञ में कथा, प्रवचन, भजन के साथ मनमोहक झांकियां की प्रस्तुति से लोग भावविभोर हो रहे हैं. कथा ज्ञानयज्ञ के सातवें दिन संत उदयानंदजी महाराज ने कृष्ण के उपदेश और विचारों से लोगों को अवगत कराया. कृष्ण की महिमा का बखान करते हुए लोगों से परमात्मा से जुड़ने के उपाय बताए. उन्होंने कहा कि परमात्मा से जुड़ने के लिए भक्ति जरूरी है. भक्त और परमात्मा के बीच विश्वास की डोर बंधा हुआ है. उन्होंने कहा कि भक्तों के विश्वास की रक्षा परमात्मा स्वयं करते हैं. परमात्मा जब वह भक्तों का समर्पण देखते हैं तो स्वयं दौड़े चले आते हैं. उन्होंने कहा कि जब भक्तों के अंदर विश्वास, अनुराग और समर्पण का भाव होता है, तब ईश्वर क्षण भर भी भक्तों को प्रतीक्षा नहीं कराते और भक्त को दर्शन देते हैं. -भक्त के वश में होते हैं भगवान- उन्होंने कहा कि जब ध्रुव ने बाल्यावस्था में जंगल में जाकर ईश्वर का ध्यान लगाया तो भगवान ने आकर उन्हें दर्शन दिए. उन्होंने कहा कि जब भगवान भक्त के वश में होते हैं तो बहुत सारी लीलाओं का दर्शन कराते हैं. उन्होंने कहा कि भक्त जब-जब ईश्वर को अनुराग व समर्पण के साथ पुकारता है तो भगवान क्षण मात्र भी देर नहीं करते, बल्कि नंगे पर ही दौड़े चले आते हैं. कथाव्यास ने कहा कि भगवान के चरित्र के श्रवण से व्यक्ति का लोक और परलोक दोनों संवर जाते हैं. मौके पर आयोजक संजय कुमार सिंह, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि संतोष यादव, पप्पू गुप्ता, राजा कुमार, प्रणव कुमार पिक्कू, सुधांशु कुमार गोलू, अवधेश मेहता, बबलू सिंह, समर विनीत, प्रणव कुमार सहित अन्य श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे रहे. कथा के अंत में श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया.

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