जिला स्तरीय पियर एडुकेटर प्रशिक्षण कार्यक्रम, कुलपति ने कहा एक आंदोलन है आरआरसी

जिला स्तरीय पियर एडुकेटर प्रशिक्षण कार्यक्रम, कुलपति ने कहा एक आंदोलन है आरआरसी

By Kumar Ashish | June 20, 2025 7:15 PM

प्रतिनिधि, मधेपरा रेड रिबन क्लब (आरआरसी) एक संगठन या कार्यक्रम मात्र नहीं, बल्कि एक आंदोलन भी है. इसमें रेड अर्थात् लाल एक साथ युद्ध व प्रेम दोनों का प्रतीक है. इस तरह यह एड्स के खिलाफ युद्ध व एड्स पीडितों के लिए प्रेम का संदेश देता है. उपरोक्त बातें कुलपति प्रो बीएस झा ने शुक्रवार को प्रशासनिक परिसर स्थित सिंडिकेट हाॅल में जिला स्तरीय पियर एडुकेटर प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन के मौके पर कही. कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) तथा रेड रिबन क्लब (आरआरसी) के संयुक्त तत्वावधान में बिहार राज्य एड्स समिति, पटना के सौजन्य से किया. कुलपति ने कहा कि आरआरसी का गठन एड्स व स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरूकता के लिए किया गया है. बिहार के विभिन्न संस्थानों में 420 रेड रिबन क्लब सक्रिय हैं. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के कई महाविद्यालयों में रेड रिबन क्लब गठित है. इसकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके माध्यम से एड्स जागरूकता अभियान तथा रक्तदान शिविर आदि का आयोजन किए जाने का निदेश दिया गया है. बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा नामित प्रशिक्षक राहुल कुमार सिंह ने एचआईवी (ह्यूमन इम्यिनो डेफिएन्सी वायरस) से जुडी जानकारी को साझा किया. उन्होंने बताया कि कि एचआईवी वायरस केवल मानव शरीर में पाया जाता है. यह वायरस मनुष्य की रोगप्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कम कर देता है या नष्ट कर देता है. एचआईवी वायरस धीरे धीरे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता जाता है. इससे मनुष्य के शरीर में कई प्रकार की बीमारियों के लक्षण प्रकट होने लगते हैं. उन्होंने बताया कि एड्स कई बीमारियों का समूह है. एड्स एक अर्जित या प्राप्त किया हुआ संक्रमण है. एड्स संक्रमण का कोई विशेष लक्षण नहीं होता है बल्कि एचआईवी वायरस की संख्या बढ़ने पर अन्य बीमारियों के लक्षण प्रकट होते हैं. इसमें बिना किसी स्पष्ट कारण के एक महीने से अधिक लगातार या रुक रुक कर बुखार आना, एक माह में बिना किसी कारण के शरीर के वज़न में 10 प्रतिशत या उससे अधिक की कमी, बार-बार दस्त लगना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं. प्रशिक्षक अरुण कुमार (पटना) ने रक्तदान के बारे में प्रशिक्षण देते हुए बताया कि 18 से 60 वर्ष के सभी स्वास्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं. उन्होंने नियमित रक्तदाता बनने कि अपील करते हुए कहा कि स्वस्थ पुरुष एक साल चार बार व महिला तीन बार रक्तदान कर सकते हैं. जिला स्तरीय प्रशिक्षण के उपरांत पोस्ट टेस्ट के आधार पर पांच उच्च अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने बताया कि बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति पटना द्वारा बिहार के सभी 38 जिले में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य आगामी रेड रन, क्वीज प्रतियोगिता व अन्य जागरूकता अभियानों में स्वयंसेवक के पियर एडुकेटर के रूप में सहयोग लेना है. कार्यक्रम का संचालन करते हुये कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि इसमें युवाओं को एचआईवी व अन्य स्वास्थ्य विषय पर प्रशिक्षण दिया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मधेपुरा जिला के नौ महाविद्यालयों के 50 युवाओं ने भाग लिया.इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ उद्घाटनकर्ता सह मुख्य अतिथि कुलपति प्रो बीएस झा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. अतिथियों का अंगवस्त्रम् से स्वागत किया. इस अवसर निवर्तमान कुलसचिव प्रो विपीन कुमार राय, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के ले गुड्डु कुमार, अशीम आनंद, डॉ चंद्रिका कुमार, विजेंद्र कुमार, मो सरवर मेंहदी, सुनील कुमार, प्रेमनाथ आचार्य, चंद्रशेखर मिश्र, डॉ. अमरेश कुमार, अनील कुमार आदि उपस्थित थे.

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