नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने कहा- पुलिस ने पास कराया पुलिस बिल, माफी मांगने तक सदन के भीतर नहीं जायेंगे विपक्षी विधायक

विधानसभा में मंगलवार को पुलिस बुलाने को लेकर नाराज विपक्षी विधायकों ने बुधवार को सदन का बहिष्कार किया. विधानमंडल परिसर में पोर्टिको के सामने मैदान में सभी विपक्षी विधायक एकत्र हुए और वहीं समानांतर सदन चलायी. राजद के भूदेव चौधरी को शैडो अध्यक्ष चुना गया और सरकार को बर्खास्त किया गया.

By Prabhat Khabar | March 24, 2021 8:47 PM

पटना. विधानसभा में मंगलवार को पुलिस बुलाने को लेकर नाराज विपक्षी विधायकों ने बुधवार को सदन का बहिष्कार किया. विधानमंडल परिसर में पोर्टिको के सामने मैदान में सभी विपक्षी विधायक एकत्र हुए और वहीं समानांतर सदन चलायी. राजद के भूदेव चौधरी को शैडो अध्यक्ष चुना गया और सरकार को बर्खास्त किया गया. शैडो सदन में पटना के डीएम और एसएसपी को भी ध्वनिमत से बर्खास्त करने का फैसला लिया.

दोपहर एक बजे विपक्षी विधायकों के बीच पहुंचे विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मंगलवार को पुलिस ने पुलिस बिल को पास कराया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तो हम विचार कर रहें है कि अगले पांच वर्षों तक विपक्ष का एक भी विधायक किसी भी सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेगा. मैदान में रहे विपक्ष के विधायकों ने अपने आंखों पर पट्टी बांधे रखी. शैडो सदन में सत्र की शुरुआत में विधायकों ने मुख्यमंत्री, डीएम, एसपी को बर्खास्त करने का प्रस्ताव लगाया.

माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि जिस तरह से विधायकों को विधानसभा के भीतर हमें पीटा गया, इसकी हम निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि उनकी सदस्यता को रद्द करते हुए उन्हें बर्खास्त किया जाये. इसके बाद राजद के भाई वीरेंद्र ने डीएम-एसपी की बर्खास्ती का प्रस्ताव लाया और इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया गया.

इस तरह से समानांतर सदन भी उस वक्त तक चला जब तक अंदर में सदन चलता रहा.तेजस्वी यादव ने कहा कि हर दिन एक समान नहीं होता है. सत्ता बदलती रहती है. ऐसे में यही पुलिस बिल जिसका हम विरोध कर रहें है. इसी बिल पर पूर्व मंत्री को पुलिस घर में घुसकर पीट सकती है. उस वक्त जो सरकार रहेगी. वह भी पुरानी परिपाटी का हवाला देगी, जो आज के दिन विधानसभा के भीतर हो रहा है.

अध्यक्ष की मर्जी से चला है समानांतर सत्र : महबूब आलम

माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि समानांतर सत्र विधानसभा अध्यक्ष की मर्जी से चला है. अगर उनकी मर्जी नहीं रहती, तो हम यहां समानांतर सत्र नहीं चला सकते है. हमें किसी ने नहीं रोका है. इसलिए हम जनता की बात समानांतर सत्र में रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब सत्ता पक्ष को विपक्ष सदन में नहीं चाहिए, तो हमें बाहर में समानांतर सत्र चलाना होगा.

Posted by: Radheshyam kushwaha

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