ग्रामीण इलाकों में अब मिल रही स्वास्थ्य उपकेंद्र से इलाज की सुविधा
स्वास्थ्य विभाग के कारनामे को विगत कुछ समय से सामने आने के बाद कुछ कर्मियों ने अपने कार्य शैली में बदलाव लाया है
स्वास्थ्य उप केंद्र पिपरा में इलाज कराने के लिए पहुंच रहे मरीज
हलसी. स्वास्थ्य विभाग के कारनामे को विगत कुछ समय से सामने आने के बाद कुछ कर्मियों ने अपने कार्य शैली में बदलाव लाया है. जिसके बाद यह कहा जा रहा है कि सरकारी सेवकों को कार्य करने की प्रवृत्ति हो तो कहीं भी वह ईमानदारी पूर्वक कार्य किया जा सकता है. कार्य करने वाले के लिये कोई स्थान या समय नहीं होता हैं. जिसका उदाहरण कि हलसी प्रखंड के पिपरा गांव स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को देखने से मिल रहा है. नियमित व समय पर सेवा देने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों को अस्पताल आने के बदौलत इस केंद्र के पोषक क्षेत्र से बाहर के मरीज भी आकर इलाज कराकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. शुक्रवार को जब स्वास्थ्य उप केंद्र सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पिपरा की पड़ताल किया गया तो देखा कि 10 के पूर्व सीएचओ मनीषा कुमारी ने अस्पताल खोलकर आये मरीजों को इलाज कर रही थी. इलाज कराने आये पिपरा गांव की लखींद्र पासवान, नवल किशोर सिंह, प्रमिला देवी, गौरा गांव के प्रकाश महतो, शेखपुरा जिले के सिलौड़ी गांव के सीताराम मिस्त्री ने बताया कि बताया उनके गांव के बगल में स्वास्थ्य उप केंद्र तरहारी है, लेकिन वहां अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित नहीं आने से वहां नहीं जाते हैं. वहीं स्वास्थ्य उपकेंद्र पिपरा की सीएचओ मनीषा कुमारी ने बतायी कि इस केंद्र में एएनएम कुमारी रंजना, एएनएम आर सीता कुमारी, गार्ड सन्नी कुमार एवं राज किशोर प्रसाद कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में सरकार द्वारा 151 दवाएं के विरूद्ध 136 दवाएं उपलब्ध है. जिसमे गैर संचारी रोगों की सभी दवाएं उपलब्ध हैं. वहीं सिहौरी निवासी सीताराम मिस्त्री ने कहा कि जब भी हम लोग तरहारी उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं तो बंद मिलता है, कभी खुला मिलता है, तो सही ढंग से दवा नहीं मिलती है. जिसको लेकर इधर-उधर भटकना पड़ता है.———————————————————————————————–
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