वार्ड नंबर नौ के बड़ी पोखर पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा

शहर के पुरानी चितरंजन रोड के निकट स्थित आजादी से पूर्व 1923 में बनाये गये बड़ी पोखर के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है

By Rajeev Murarai Sinha Sinha | December 11, 2025 5:58 PM

आजादी से पूर्व 1923 में तीन एकड़ 16 डिसमिल क्षेत्र में बड़ी पोखर का किया गया था निर्माण

पोखर में कचड़ा कूड़ा डालकर किया समतल, बाद में बना लिया घर

पोखर के आधे से अधिक हिस्से का किया जा चुका है अतिक्रमण, जिला प्रशासन भी नहीं दे रहा

लखीसराय. शहर के पुरानी चितरंजन रोड के निकट स्थित आजादी से पूर्व 1923 में बनाये गये बड़ी पोखर के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है. दूर-दूर तक बड़ी पोखर दिखाई नहीं दे रहा है. पोखर की खोजबीन भी नहीं हो रही है. बताया जा रहा है कि सन 1923 में कांग्रेस के नेताओं के द्वारा चितरंजन रोड स्थित बड़ी पोखर को अस्तित्व में लाया गया था, लेकिन वर्तमान में बड़ी पोखर लगभग विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुका है. बताया जा रहा है कि सन 1923 में कांग्रेस के नेताओं द्वारा चितरंजन रोड स्थित खाता नंबर 124 खसरा 131 के तीन एकड़ 16 डिसमिल जमीन पर एक पोखर का निर्माण कराया. जिसका नाम बड़ी पोखर रखा गया. कॉलेज स्थित चितरंजन आश्रम से कांग्रेस नेता एवं स्थानीय लोग पोखर में स्नान करते थे, लेकिन जब कुआं एवं चापाकल का प्रचलन चलने लगा तो लोग धीरे-धीरे पोखर को भूलने लगे. जिसका फायदा अतिक्रमणकारियों द्वारा उठाया गया. जब पोखर सूखने लगा तो लोगों द्वारा इसमें घर का कचरा फेंका जाने लगा. उस समय नगर परिषद साफ-सफाई कम ही करवाया जाता था, जिस वजह से इसे लेकर नप पूरी तरह एक्टिव नहीं था. यही कारण है कि बड़ी पोखर को कूड़े से भर दिया गया. जिसके बाद धीरे-धीरे भरे पोखर पर झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहने लगे. अब एक तिहाई जमीन पर लोगों ने कब्जा कर लिया, एक हिस्से में जमीन बचा भी है तो उसमें कीचड़ कूड़ा एवं घास से भरा हुआ है. कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रो सुनील कुमार ने बताया कि बड़ी पोखर की जमीन कांग्रेस की संपत्ति है. जिस पर लोगों ने अवैध कब्जा कर अतिक्रमण कर लिया है एवं जमीन पर घर का निर्माण कर लिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी हेडक्वार्टर से कह कर अतिक्रमित जमीन को प्रशासनिक पदाधिकारी के मदद से मुक्त कराया जायेगा एवं जमीन का घेराबंदी कर लिया जायेगा.

——————————————————————————————————-

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है