2007 से लंबित है ठाकुरगंज में रेलवे ओवरब्रिज की मांग
2007 से लंबित है ठाकुरगंज में रेलवे ओवरब्रिज की मांग
रेलवे गुमटी पर जान जोखिम में डालकर पटरी पार करने को मजबूर लोग ठाकुरगंज. सिलीगुड़ी-अलुआबाड़ी रेलखंड पर स्थित ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे गुमटी पर वर्ष 2007 से रेलवे ओवरब्रिज निर्माण की मांग उठती रही है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है. ओवरब्रिज नहीं होने के कारण आम लोगों को प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार करना पड़ता है. पैदल यात्रियों के साथ-साथ लोग बाइक और साइकिल लेकर भी ट्रैक पार करते हैं, जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. ठाकुरगंज शहर की आबादी करीब 20 हजार है. यह प्रखंड मुख्यालय होने के कारण आसपास के ग्रामीण इलाकों से प्रतिदिन हजारों लोग यहां आते हैं. शहर में ही रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड स्थित हैं. नगर में मात्र एक ही क्रॉसिंग होने के कारण लोगों को रेलवे फाटक पार करना पड़ता है. सोमवार और शुक्रवार को हाट बाजार के दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, जब ग्रामीण बड़ी संख्या में ठाकुरगंज पहुंचते हैं. प्रखंड कार्यालय पश्चिम दिशा में जबकि अस्पताल, थाना, बैंक, स्कूल, कॉलेज, डाकघर सहित अन्य प्रमुख सरकारी कार्यालय रेलवे लाइन के पूरब दिशा में स्थित हैं. इन तक पहुंचने के लिए लोगों को हर हाल में रेलवे लाइन पार करनी पड़ती है, जिससे लंबा जाम और अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. पूर्व मुख्य पार्षद नवीन यादव ने 18 अगस्त 2007 को एनएफ रेलवे के चीफ इंजीनियर को पत्र लिखकर गेट संख्या एसके-258 पर आरओबी निर्माण की मांग की थी. पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने भी अपने कार्यकाल में आवाज उठाई व पुनः विधायक बनने के बाद फिर पहल की है. मुख्य पार्षद सिकंदर पटेल ने भी जिला पदाधिकारी से लेकर डीआरएम तक का ध्यान आकृष्ट किया है. बावजूद इसके, ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ समस्या और गंभीर होती जा रही है, लेकिन समाधान अब तक कागजों तक ही सीमित है.
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