केवल आठ माह में मामले का हुआ निष्पादन, मिला इंसाफ

किशनगंज : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम सुजीत कुमार सिंह की अदालत ने 4- 5 फरवरी 2019 की मध्य रात को दिघलबैंक प्रखंड के कोढ़ोबाड़ी थाना अंतर्गत पत्थरघट्टी गांव की एक युवती के साथ गैंगरेप करने वाले सात आरोपितों को दोषी करार देते हुए सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों फैज आलम, कासिम, कलुआ, अंसार, तकसीर, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 4, 2019 8:55 AM

किशनगंज : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम सुजीत कुमार सिंह की अदालत ने 4- 5 फरवरी 2019 की मध्य रात को दिघलबैंक प्रखंड के कोढ़ोबाड़ी थाना अंतर्गत पत्थरघट्टी गांव की एक युवती के साथ गैंगरेप करने वाले सात आरोपितों को दोषी करार देते हुए सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों फैज आलम, कासिम, कलुआ, अंसार, तकसीर, मन्नान और नौजर को भादवि की धारा 323,452,376(डी), 120बी के तहत गैंग रेप एवं अन्य अपराधों का दोषी पाया है. और सभी सात मुख्य आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई गयी है. वहीं पीड़िता को मुआवजा भी मिलेगा. गौरतलब है कि शायद जिले में घटित ये पहला ऐसा दुर्दांत अपराध है.

जिसमें अपराधियों को आठ महीने के भीतर सजा मिली है. किशनगंज पुलिस ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए पहले मामला दर्ज किया,अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास किये, जिसमें उसे सफलता भी मिली और घटना के कुछ दिन के भीतर ही सभी आरोपितों की गिरफ्तारी हुई.
एसपी कुमार आशीष ने तमाम कागजी कार्रवाई और चार्जशीट को कम से कम समय में न्यायालय में समर्पित करने पूरे मामले को जांच कर पीड़िता को इंसाफ दिलवाने में हर संभव कोशिश की. और सभी पर स्पीडी ट्रायल चलाया गया और नतीजा सबके सामने है.
क्या है पूरा मामला
दिघलबैंक प्रखंड के पत्थर घट्टी में इसी साल 4-5 फरवरी की दरम्यानी रात्रि एक बुजुर्ग पिता और उनके 19 वर्षीय पुत्री को पहले छह अपराधियों ने घर से अगवा किया. फिर पिता को बंधक बनाकर उसके सामने उसकी पुत्री के साथ अपराधियों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया.
साथ ही इन आरोपितों ने लड़की और उसके पिता को धमकी दी कि अगर यह बात किसी को बतायी, तो पूरे परिवार को घर में जिंदा जला दूंगा. डर के कारण पीड़िता पहले कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थी, बाद में स्थानीय स्तर पर इस पूरे मामले को दबाने का भी भरपूर प्रयास किया गया.
लेकिन मीडिया की सक्रियता के कारण कई दिन के बाद ये पूरा मामला प्रकाश में आया था. एसपी ने घटनास्थल पर पहुंच कर खुद पूरे मामले की जांच शुरू की. गंभीरता को देखते हुए इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एक टीम का गठन किया.
जिसने ताबड़तोड़ छापेमारी कर आरोपितों को दबोचना शुरू किया और स्पीडी ट्रायल चला कर मात्र आठ महीने के भीतर पीड़िता को इंसाफ और आरोपियों को उम्र कैद की सजा दिलवाने में सफल रहे. इस पूरे मामले में तत्कालीन कोढोबाड़ी थानाध्यक्ष सरोज कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता मिस्कात ने भी बड़ी भूमिका निभायी. जबकि एक्शन एड एसोसिएशन तथा यूरोपियन कमीशन ने भी सराहनीय पहल की.

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