हर व्यक्ति में ईश्वर विद्यमान

आस्था . हनुमान मंदिर में नौ दिवसीय गायत्री यज्ञ का समापन पौआखाली : नगर स्थित हनुमान मंदिर में श्रीराम जानकी विवाहोत्सव के पावन मौके पर आयोजित दो दिवसीय नौ कुंडीय श्री श्री 108 गायत्री महायज्ञ अनुष्ठान का शुक्रवार के दिन भव्य रूप से समापन हो गया है़ समापन से पूर्व यज्ञ स्थल पर शुक्रवार के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 25, 2017 4:11 AM

आस्था . हनुमान मंदिर में नौ दिवसीय गायत्री यज्ञ का समापन

पौआखाली : नगर स्थित हनुमान मंदिर में श्रीराम जानकी विवाहोत्सव के पावन मौके पर आयोजित दो दिवसीय नौ कुंडीय श्री श्री 108 गायत्री महायज्ञ अनुष्ठान का शुक्रवार के दिन भव्य रूप से समापन हो गया है़ समापन से पूर्व यज्ञ स्थल पर शुक्रवार के दिन संस्कार,संगीत प्रवचन, आरती, हवन यज्ञ एवं प्रसाद वितरण उपरांत संध्या बेला अनुष्ठान में दूरदराज से पधारे वरिष्ठ प्रज्ञापुत्र श्यामानंद झा समेत सभी अतिथियों का पूर्ण आदर सत्कार के साथ विदाई कार्य संपन्न हुआ. इनसे पूर्व संध्या में वरिष्ठ प्रज्ञापुत्र श्री श्यामानंद झा के द्वारा प्रवचन प्रस्तुत किये गये, जिसमें उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन एक तप है जिसकी साधना से ही मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है.
ईश्वर प्रत्येक मनुष्य, प्रत्येक प्राणी व समस्त प्रकृति में विद्यमान है़ इसलिए मनुष्य मात्र द्वारा मंदिर में जाकर सिर्फ पूजा-पाठ कर लेने से अध्यात्म सुख की प्राप्ति नहीं बल्कि समस्त प्राणी, प्रकृति के प्रति प्रेम, पूजा व सेवाभाव रखने से प्राप्त होती है. अपने प्रवचन में श्यामानंद जी ने कहा कि गायत्री जी की साधना और विचारों के अनुसरण से ही मनुष्य को जीवन का सही मूलमंत्र और ज्ञान की प्राप्ति हो सकती है़ गायत्री जी की साधना सुविचार, सदाचार रूपी वह मूलमंत्र है जिसके मार्ग पर चल कर ही मनुष्य राष्ट्र और धर्म का नवनिर्माण कर सकता है. मनुष्य को भौतिक सुख से आध्यात्मिक सुख की ओर ले जाने वाले विचार गायत्री जी की साधना में ही निहित्त है़ इसलिए मनुष्य को गायत्री महामंत्र का जाप और तप अवश्य ही करना चाहिए ताकि पापकर्मो, अधर्म, अज्ञानता आदि से हमें मुक्ति मिल सके और समस्त मानव जाति का वास्तविक कल्याण हो सके़ हमें ऐसा ही युगनिर्माण योजना का संकल्प लेने की आवश्यकता है जिनसे हम अपने परिवार, समाज,राष्ट्र की संस्कृति सभ्यता को अक्षुण बनाए रखते हुए समस्त संसार में अपने देश व धर्म के गौरवशाली इतिहास का कीर्तिमान हमेशा स्थापित रख सके.वरिष्ठ प्रज्ञापुत्र श्री श्यामानंद जी के विचारों से अभिभूत होकर यज्ञ स्थल में पहुंची सैकड़ों माता व बहनों ने उनसे उनका आशीष प्राप्त किया. उधर स्थानीय गायत्री परिवार के सुशील सोमानी, महेंद्र सोमानी, रामशंकर साह, विमल पोद्दार, सुनील गुप्ता, सुधीर यादव, कामेश्वर सिंह, रंजीत शर्मा, तापस सिन्हा, मोनू सिंह, पवन पाठक, अनूप माहेश्वरी, मनोज साह के अलावे महिलाओं में रामप्यारी देवी, ललिता झा, संतोषी देवी, मामुनी सिन्हा, कविता कुमारी, शोभा कुमारी, गायत्री, सुषमा, सनवी, राधा इत्यादि ने पधारे हुए अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए उन्हें पूरे आदर सत्कार के साथ विदा किया.

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