वैवाहिक लग्न सहित सभी शुभ कार्यों पर लगा ब्रेक, अब पूस के बाद गूंजेगी शहनाई

जिले में विगत 16 तारीख के बाद वैवाहिक लग्न पर डेढ़ माह से अधिक समय के लिए विराम लग गया है. बता दें कि 16 तारीख से खरमास शुरू हो चुका है.

By RAJKISHORE SINGH | December 28, 2025 9:31 PM

29 जनवरी से आरंभ होगा वैवाहिक संस्कार का मुहूर्त, पूस माह में नहीं होते शुभकार्य

गोगरी. जिले में विगत 16 तारीख के बाद वैवाहिक लग्न पर डेढ़ माह से अधिक समय के लिए विराम लग गया है. बता दें कि 16 तारीख से खरमास शुरू हो चुका है. गत पांच दिसंबर को विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार वैवाहिक संस्कार के लिए अंतिम लग्न था. अशुद्ध माह कहे जाने वाले पूस की शुरूआत होने की वजह से अब अगले वर्ष जनवरी के अंत में पुनः मुहूर्त आरंभ होगा. 29 जनवरी को पहला वैवाहिक मुहूर्त बन रहा है. उल्लेखनीय है कि पूस माह को अशुद्ध माह कहा जाता है. इसमें शुभ कार्य नहीं होते. केवल श्राद्ध कर्म सरीखे जरूरी कर्म किये जाते हैं. बता दें कि शुद्धाशुद्धि का विचार संक्रांति के आधार पर होता है. पर्व त्योहारों का निर्णय पूर्णिमा के आधार पर किया जाता है. बता दें कि पूस माह से पूर्व गत पांच दिसंबर को अंतिम लग्न था, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के यहां वैवाहिक संस्कार का आयोजन देखने को मिला. पूर्व से विवाह तय कर चुके लोग अब पूस खत्म होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

पूस माह उत्तम नहीं, कार्तिक माह सर्वोत्तम : शुभम

गोगरी के भोजुआ निवासी प्रकांड ज्योतिषाचार्य डॉक्टर शुभम सावर्ण बताते हैं कि पूस के महीने में सूर्य धनु राशि में होते हैं, जिसे उत्तम नहीं माना जाता. यही कारण है कि इस माह में किसी तरह का पर्व-त्योहार भी नहीं होता. वहीं कार्तिक माह को सर्वोत्तम माह शास्त्र के अनुसार माना जाता है, हालांकि पर्व-त्योहार तो कार्तिक में होते हैं, लेकिन वैवाहिक मुहूर्त नहीं बनते. इसी वजह से पूस में शुभ कार्य वर्जित है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है