प्राथमिकी दर्ज करने के बदले में रुपया मांगने वाले एसआइ को एसपी ने किया निलंबित
प्राथमिकी दर्ज करने के बदले में रुपया मांगने वाले एसआइ को एसपी ने किया निलंबित
-रुपया लेनदेन को लेकर वीडियो हो गया था वायरल -पुलिस अवर निरीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर एसपी को सौंप था ज्ञापन -उपलब्ध कराया गया था लेनदेन का वीडियो कटिहार प्राणपुर थाना में जमीनी विवाद के मामले में वादी के घर तोड़े जाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बदले में 15 हजार रुपए मांग करने के आरोप में एसपी ने कार्रवाई करते हुए आरोपित पुलिस अवर निरीक्षक को निलंबित करते हुए विभागीय जांच का निर्देश दिया है. एक बार फिर पुलिस पदाधिकारी के रुपया लेनदेन के वायरल वीडियो ने पूरे सिस्टम को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. यह मामला पुलिस कप्तान के संज्ञान में आते ही एसपी ने मामले में त्वरित कार्रवाई कर आरोपित पुलिस निरीक्षक को निलंबित कर दिया है. बताते चलें कि प्राणपुर थाना क्षेत्र के हरे रामपुर गांव में राजेश सिंह के निजी जमीन पर बने टीन के घर को बासुदेव साह एवं उसके सहयोगियों ने तोड़ दिया. इसकी शिकायत जब वादी ने प्राणपुर थाने में किया. वादी ने पुलिस अवर निरीक्षक पुष्पेंद्र कुमार पर प्राथमिकी दर्ज करने के एवज में 15 हजार रुपए की मांग की. पुलिस अवर निरीक्षक की ओर से लगातार बनाये जा रहे दवाब के कारण वादी ने किसी प्रकार से पांच हजार रुपए का जुगाड़ कर लाचारवश पुलिस अवर निरीक्षक को दिया. इसके बाद वादी का आरोप है कि इस मामले मे उससे और दस हजार रुपए की मांग की. एक तो उसका घर टूटा उसके बाद न्याय संगत कार्रवाई करने के बजाए उससे ही रूपए की मांग कर वादी को प्रताड़ित करने लगा. जिससे विक्षुब्ध होकर इन सारी घटनाओं का वादी ने वीडियो बनाकर वायरल किया. घटना को लेकर वादी के पक्ष में भारतीय किसान संघ ने बीते सोमवार को थाना का घेराव कर प्रदर्शन किया. आरोपित एसआई को निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे. इसके बाद किसान संघ के नेतृत्व में वादी राजेश सिंह पुलिस कप्तान डॉक्टर गौरव मंगला से मिले तथा पुलिस अवर निरीक्षक पर कारवाई तथा उसके साथ घटित घटना में न्याय संगत कार्रवाई को लेकर एसपी से गुहार लगाया साथ ही आरोपी एस आई के विरुद्ध रुपए लेनदेन का वीडियो भी दिया. उपलब्ध कराए गए वीडियो व साक्ष्य के आधार पर एसपी ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एस आई पुष्पेंद्र कुमार को निलंबित कर दिए. कहते हैं एसपी इस संदर्भ में डॉ गौरव मंगला ने बताया कि प्राप्त आवेदन के आधार पर निजी जमीन पर बनाए घर को तोड़ें जाने की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज नहीं कर उससे 15 हजार रुपए की मांग की गयी थी. जिसमें वादी ने पांच हजार रुपया दिया था. जिसका वीडियो भी आवेदन के साथ संलग्न कर उन्हें उपलब्ध कराया गया था. प्राप्त वीडियो एवं अन्य साक्ष्य के आधार पर प्रथम दृष्टया में आरोपित की भूमिका संदिग्ध दिखी, जिसे लेकर उसे निलंबित कर दिया है तथा विभागीय कार्रवाई को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं.
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