होली पर्व को लेकर बाजार रहा पूरा गुलजार चारों तरफ होती रही होली सामग्री की खरीदारी
होली पर्व को लेकर बाजार रहा पूरा गुलजार चारों तरफ होती रही होली सामग्री की खरीदारी
कटिहार. होली पर्व को लेकर गुरुवार को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी अंतिम तैयारी में जुटे रहे. होली को लेकर बाजार में भीड़ कुछ इस कदर रही के लोगों का चलना भी मुश्किल हो गया था. होली की खरीदारी को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग सुबह बाजार में दिखे तो शाम के समय बाजार में शहर के लोगो की सबसे ज्यादा भीड़ रही. जैसे-जैसे शाम ढलता गया वैसे-वैसे बाजार कि रौनक भी बढ़ती गयी. शाम के समय बाजार के हालात ऐसे हो गए की रह रह कर बाजार में जाम की समस्या भी उत्पन्न हो रही थी. शहर के चारों तरफ होली का खुमार साफ दिख रहा था. शहर के बड़ा बाजार, मंगल बाजार, फलपट्टी, मिरचाईबाड़ी, आदि चौक चौराहों पर होली को लेकर दुकानों पर खरीदारी के लिए जबरदस्त भीड़ रही. बड़ा बाजार के साथ अन्य चौक चौराहों पर को होने वाले होलिका दहन को लेकर तैयारियां में लोग जुटे रहे. पूरा बाजार रंगों के इस त्यौहार में रंग में रंगा रहा. बाजार में तरह-तरह के पिचकारी के साथ कई मुखौटा व रंग -बिरंगे गुलाल से पूरा बाजार पटा रहा. बच्चों के लिए डोरेमोन, स्पाइडरमैन, अवेंजर्स, पिट्ठी बैग, बंदूक, पम्प जैसे पिचकारी बाजार में धड़ल्ले से बिके, 30 रु से लेकर 1000 रु तक की पिचकारी बाजार में बिकी, बंदूक गन, पिठ्ठू पिचकारी, पंप पिचकारी,आदि बाजार में सबसे ज्यादा बिके, मुखौटा में भूत, स्पाइडर मैन, शेर, एडवेंचर्स बिल्ली, कुत्ता, हिरन, खरगोश, गोरिला आदि जानवरो का मुखौटा की भी खरीदारी लोगो ने खूब की. होली में वेष बदलने की अलग कला है, जिससे लोग बाज नहीं आते हैं, वेष ऐसे बदले जाते ही की चाह कर भी लोग पहचान न सके. जिसको लेकर बाजार में कई तरह के वेष बदलने के साजो सामान जैसे रंग बिरंगे बाल, मुछ, ढाढ़ी की भी खरीदारी खूब हुई. हुरदंगगबाजी करने के लिए कई तरह के ऐसे उपकरण ढोल, पॉपी, भी बाजार में खरीदारों की कमी नहीं रही. सभी तरह के वीक 50 रु से लेकर 200 रु तक के बिके, बच्चों से लेकर बड़े तक के मुखौटा 10 रु से लेकर 100 रु तक के मुखोटे बाजार में बिके. राजस्थानी टोपी 35 से लेकर 50 तक बिकी. बाजार में रंग स्प्रे की मांग सबसे ज्यादा रही. जिसकी खरीदारी लोग सबसे ज्यादा किये. 10 रु से सामान्य रंग से लेकर 100 रु तक के डिब्बों में रंग मिले. 10 रु से लेकर 30 रु तक की अच्छी क्वालिटी के भी अबीर बाजार में रही. होली को लेकर लोगों में भरपूर उत्साह रहा तो दूसरी तरफ दुकानदारों के चेहरे भी खुशी से लाल रहे. पकवान बनाने को लेकर दुकान में खाद सामग्री खरीदारी के लिए लोगों की लगी रही भीड़, कोई भी पर्व आये उसमें घर में पकवान जरूर बनते हैं, खासकर के होली का पर्व हो और तरह तरह के पकवान न बने तो होली का मजा ही नहीं आता. होली पर्व में जहां अपने घरों के सदस्यों के लिए पकवान बनाई जाती है तो यह भी परंपरा चली आ रही है कि होली के दिन आने वाले रिश्तेदार अपने संगी साथी के लिए तरह-तरह के पकवान बनाये जाते हैं. लोअर क्लास हो या मिडिल क्लास या हाई सोसाइटी सभी अपने अपने हिसाब से खास करके होली पर्व में खाने पीने में कोई कमी नहीं करते हैं. पकवान बनाने को लेकर गुरुवार के दिन खाद सामग्री की खरीदारी के लिए दुकानें में लोगों की भारी भीड़ रही. सभी अपने अपने हिसाब से खरीदारी करते हुए नजर आये. हालांकि इस बढ़ती महंगाई में लोगों ने कुछ चीजों से जरूर समझौता किया, लेकिन अपने हिसाब से खरीदारी करने से पीछे नहीं हटे.
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