मुख्य पार्षद के आइआइटीयन पुत्र का विधानसभा युवा संसद के लिए चयन
मुख्य पार्षद के आइआइटीयन पुत्र का विधानसभा युवा संसद के लिए चयन
मुख्य पार्षद के आइआइटीयन पुत्र का विधानसभा युवा संसद के लिए चयन कटिहार बिहार विधानसभा का बजटीय सत्र समाप्ति के दूसरे दिन 29 मार्च को युवा संसद का आयोजन होना है. भाग लेने के लिए राज्य के सभी जिलों से चुने गये 140 छात्र-छात्राएं विधान सभा पहुंचेंगे. बांका, कटिहार व भागलपुर जिले के छात्र-छात्राओं के चयन को लेकर दो दिन पूर्व तिलकामांझी भागलपुर विवि में रासेयो के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ राहुल कुमार के नेतृत्व में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. बांका से एक, कटिहार से संभवत: दो शेष भागलपुर कुल दस छात्र छात्राओं का चयन किया गया. कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर टॉपिक उपलब्ध कराया गया था. जहां बरारी नगर पंचायत के मुख्य पार्षद बबीता कश्यप के आइआइटीयन पुत्र रजत कुमार कश्यप वन नेशन वन इलेक्शन पर अपनी दमदार वक्तव्य से सभा के लिए आकर्षण का मुख्य बिन्दु बने रहे. छह सदस्यीय निर्णायक मंडली के नेतृत्व में कटिहार बरारी के मुख्य पार्षद बबीता कश्यप मुख्य पार्षद पति नीरज कुमार कश्यप उर्फ हिटलर यादव के पुत्र रजत कुमार कश्यप का चयन बिहार विधानसभा युवा संसद में सहभागिता को लेकर किया गया है. कार्यक्रम समन्वयक रासेयो डॉ राहुल कुमार ने बताया कि 29 मार्च को बिहार विधानसभा में युवा संसद में संविधान के मूल कर्तव्य और संविधान के 75 वर्ष विषय पर वक्तब्य देना है. सात घंटे का सत्र चलेगा. जिसमें सभी वक्ता को अपनी बात रखने के लिए तीन-तीन मिनट का समय मिलेगा. भारतीय संविधान के 75 वर्ष अधिकार, कर्तव्य और प्रगति की यात्रा और संविधान दिवस का 11वां संकल्प भारत के संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की शपथ विषय पर बोलना है. यहां से चयनित होने वाले छात्रों को लोकसभा में होनेवाली भारतीय युवा संसद में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा. वे दिल्ली के नये संसद भवन में भाग ले सकेंगे. तीन जिलाें से चयनित सभी दसों छात्र छात्राओं को पुरस्कृत करते हुए मुख्य अतिथि बीएनएमयू के पूर्व कुलपति डॉ एके राय ने बताया कि युवा संसद के आयोजन का उद्देश्य जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विचार विमर्श के माध्यम से 18-25 वर्ष के युवाओं की आवाज सुनना है. युवाओं को सार्वजनिक मुद्दों से जुड़ने, आम आदमी का दृष्टिकोण समझने, अपनी राय बनाने और उसे स्पष्ट तरीके से व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है. निर्णय लेने की क्षमता और दूसरों के विचारों के प्रति सम्मान और सहिष्णुता विकसित करनी है.
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