Kaimur News : एसडीपीओ से थानेदार तक प्रतिदिन 24 घंटे में किये कार्यों का देंगे रिपोर्ट
पुलिस मुख्यालय थानेदार से लेकर एसडीपीओ स्तर के अधिकारियों के कामकाज पर और सघन निगरानी रखने के लिए प्रतिदिन उनके द्वारा क्या कार्य किया जा रहे हैं, उसकी रिपोर्ट देने का निर्देश जारी किया गया है.
भभुआ कार्यालय. पुलिस मुख्यालय थानेदार से लेकर एसडीपीओ स्तर के अधिकारियों के कामकाज पर और सघन निगरानी रखने के लिए प्रतिदिन उनके द्वारा क्या कार्य किया जा रहे हैं, उसकी रिपोर्ट देने का निर्देश जारी किया गया है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा थानेदार, इंस्पेक्टर व एसडीपीओ के लिए अलग-अलग फॉर्मेट भी बनाया गया है. उस फॉर्मेट में उक्त तीनों पुलिस पदाधिकारी को 24 घंटे में उनके द्वारा किये गये कार्यों को लिखकर एसपी के माध्यम से पुलिस मुख्यालय को भेजनी है और उनकी रिपोर्ट की पुलिस मुख्यालय द्वारा समीक्षा की जायेगी. रिपोर्ट की समीक्षा में जिस पुलिस पदाधिकारी के कामकाज में कमी पायी जायेगी ,उसे कमी को दूर करने के लिए मुख्यालय के स्तर से कार्रवाई की जायेगी. = थानेदार को गुंडा पंजी से गिरफ्तारी व छापेमारी तक की देनी है रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय ने थानेदार द्वारा 24 घंटे में किये गये कार्यों को लिखने के लिए जो फॉर्मेट बनाया गया है, उसमें 24 घंटे के अंदर गुंडा पंजी में कितने लोगों का नाम दर्ज किया गया. इसके अलावा कितने लोगों पर निरोधात्मक कार्रवाई की गयी. 24 घंटे में कितने वारंट, इश्तेहार व कुर्की का निष्पादन किया गया. कितने लोगों का डोसीयर में नाम दर्ज करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया. डोसियर में दर्ज कितने दागियों का 24 घंटे के अंदर उनके घर पर जाकर सत्यापन किया गया. कितने कांडों में कितने लोगों की गिरफ्तारी की गयी, कितनी बरामदगी हुई. विशेष तरह के दर्ज मामलों में क्या कार्रवाई की गयी. विशेष तरह के दर्ज पूर्व के कितने मामले लंबित है, उनमें क्या कार्रवाई की गयी है. साथ ही लोक शिकायत निवारण के कितने मामलों का निबटारा किया गया और कितने मामले लंबित हैं, इसकी पूरी रिपोर्ट प्रतिदिन थानेदार को एसपी के माध्यम से मुख्यालय को भेजनी है. = एसडीपीओ व इंस्पेक्टर को कांड के अनुसंधान से गश्ती तक की देनी है रिपोर्ट थानेदार के अलावा सर्किल इंस्पेक्टर व एसडीपीओ को भी प्रतिदिन 24 घंटे में किये गये कार्यों की रिपोर्ट उनके लिए मुख्यालय से बनाये गये फॉर्मेट में एसपी के माध्यम से भेजनी है. इंस्पेक्टर व एसडीपीओ को जो रिपोर्ट भेजनी है उसमें उन्हें प्रतिदिन 24 घंटे के अंदर लोक शिकायत निवारण के तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मानवाधिकार, आयोग, डीजीपी, डीआइजी, एसपी के यहां से कितने शिकायत प्राप्त हुए और कितने मामलों का निष्पादन किया गया. इसके साथ ही विशेष तरह के दर्ज मामलों में कितने की समीक्षा की गयी. कितने में पर्यवेक्षण रिपोर्ट निकाली गयी. कितने में प्रगति रिपोर्ट प्रकट की गयी. कितने में अंतिम प्रगति रिपोर्ट निर्गत की गयी. कितने मामलों का निष्पादन किया गया. कितने गुंडा व दागियों का सत्यापन किया गया. कितने अपराधियों के खिलाफ सीसीए-3 का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया. इसे भी निर्धारित फॉर्मेट में भरकर मुख्यालय को भेजना है. अनुमंडल या आंचल के अंदर कितने बैंकों की जांच की गयी. किस समय बैंकों की जांच की गयी. रात्रि व संध्या गश्ती की जांच किस समय और कहां की गयी, कितनी गिरफ्तारी की गयी है. उनके अनुमंडल या अंचल क्षेत्र में कितनी बरामदगी हुई है, इसकी भी पूरी रिपोर्ट उन्हें मुख्यालय को भेजनी है. = शाम छह से 10 तक पुलिस पदाधिकारी को रहना है क्षेत्र में इससे पहले पुलिस मुख्यालय द्वारा थानेदार से लेकर एसपी स्तर के पुलिस पदाधिकारी को शाम छह से रात के 10 बजे तक क्षेत्र में रहने का निर्देश जारी किया गया था. इस दौरान उनके द्वारा कहां पर वाहन जांच की जा रही है, कहां गश्ती की जांच की जा रही है, इसका फोटो भी उन्हें मुख्यालय को भेजना था. कुल मिलाकर देखें तो पुलिस मुख्यालय जिले के पुलिस पदाधिकारी द्वारा क्या कार्य किया जा रहे हैं, उसे पर कड़ी निगरानी रखने के लिए लगातार नये-नये आदेश निर्गत किया जा रहे हैं, ताकि जिले में मौजूद पदाधिकारी के कामकाज की कड़ाई से निगरानी की जा सके.
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