Kaimur News: घुटनेभर पानी से होकर विद्यालय जाते हैं छात्र-छात्राएं व शिक्षक
समस्या. उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय, महेसुआ का खेल मैदान झील में तब्दील
भभुआ नगर. जिस गांव के खेल मैदान में खेल कर खिलाड़ी जिला सहित राज्यस्तर पर अपना नाम रोशन किये हैं, आज उसी विद्यालय का खेल मैदान झील में तब्दील हो गया है. खेल मैदान पर ही कृषि का कार्य किया गया है. इस खेल मैदान में छात्र-छात्राएं फुटबॉल खेलते थे. लेकिन, आज उसी खेल मैदान से छात्रों को घुटनेभर पानी में पैंट उठाकर विद्यालय भवन तक जाना पड़ता है. यह समस्या विद्यालय प्रशासन नहीं, बल्कि मनरेगा द्वारा खेल मैदान के चारों तरफ बनाये गये आधा अधूरा ट्रैक बनाकर छोड़ दिये जाने से हुई है. दरअसल सदर प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय महेसुआ का खेल मैदान अपने जमाने में इतना मशहूर था कि अगल-बगल के गांव सहित प्रतिदिन विद्यालय पढ़ने आने वाले छात्र एवं ग्रामीण फुटबॉल खेलते थे. इतना ही नहीं खेल मैदान पर टूर्नामेंट का भी आयोजन किया जाता था़ जिस टूर्नामेंट में जिले के कई नामी गिरामी टीम के खिलाड़ी भाग लेते थे, लेकिन आज जिला प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण खेल मैदान अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है़ लेकिन, इसकी फरियाद सुनने वाला न तो कोई जनप्रतिनिधि हैं न ही शिक्षा विभाग के अधिकारी से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी. मनरेगा से बनाया गया बास्केटबॉल का कोर्ट भी टूट कर होने लगा बदहाल विद्यालय कैंपस में मनरेगा विभाग से छात्र-छात्राओं को खेलने के लिए फुटबॉल खेल मैदान को बाधित कर बास्केटबॉल का कोर्ट बनाया गया है. लेकिन, खास बात यह है कि बनाये गये बास्केटबॉल के कोर्ट पर एक दिन भी छात्र-छात्राएं बाल भी नहीं पटके और बनाया गया बास्केटबॉल का कोर्ट अब टूट कर बिखरने लगा है. ग्रामीणों ने बास्केटबॉल कोर्ट व खेल मैदान ट्रैक बनाने का किया था विरोध गौरतलब है कि मनरेगा द्वारा जब खेल मैदान का निर्माण व मैदान के चारों तरफ टहलने एवं दौड़ने के लिए ट्रैक बनाया जा रहा था़ तब इसे लेकर गांव के ग्रामीण सह पूर्व जिला क्रीड़ा सचिव रामप्रसाद सिंह ने आपत्ति दर्ज कराते हुए निर्माण कार्य को रोक दिया था. लेकिन, जिला प्रशासन ने एक तरफ अपनी हनक दिखाते हुए ट्रैक व बास्केटबॉल कोर्ट का निर्माण कर दिया. इसका नतीजा हुआ कि खेल मैदान झील में तब्दील हो गया. बनाया गया बास्केट बाल का कार्ट टूट कर बिखरने लगा है. इसके कारण ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. = विद्यालय में नहीं है बाउंड्री, खेल मैदान बना चारागाह उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय का बाउंड्री भी टूट कर बिखर गया है. इसके कारण आवारा पशु दिनभर खेल मैदान में आते जाते रहते हैं, जिससे देखने में लगता है कि विद्यालय का खेल मैदान अब खेल मैदान नहीं, बल्कि चारागाह बन गया है. क्या कहते हैं प्रिंसिपल प्रिंसिपल चंदन शर्मा ने कहा कि विद्यालय के चारों तरफ टहलने के लिए ट्रैक का निर्माण होने से खेल मैदान की पानी नहीं निकल पा रहा है़ इस कारण खेल मैदान में पानी जमा हो गया है. जब तक खेल मैदान में मिट्टी की भराई नहीं होगी, तब तक खेल मैदान में पानी भरा रहेगा. इसके कारण छात्रों एवं शिक्षकों को भी विद्यालय के वर्ग कक्ष तक आने में काफी परेशानी हो रही है. साथ ही कहा कि विद्यालय में बाउंड्री नहीं रहने के कारण पशु से लेकर आज असामाजिक तत्व के लोग भी कैंपस में प्रवेश कर जाते हैं.
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