kaimur News : महज 15 दिनों में ही उखड़ने लगी शहर की वीआइपी कॉलोनी में बनी नयी सड़क

सड़क पर उखड़ी गिट्टी गाड़ियों के टायर से छिटक कर लोगों को कर रही हैं जख्मी

By PANCHDEV KUMAR | August 10, 2025 9:15 PM

भभुआ कार्यालय. नगर पर्षद से बनने वाली सड़कों से शहर के लोग काफी परेशान है. स्थिति का आलम यह है कि नगर पर्षद के माध्यम से जो भी सड़कें बनायी जा रही है, वह सड़क बनने के साथ ही टूटने लग जा रही है. ताजा मामला शहर के वीआइपी कॉलोनी में बनी नयी सड़क का है. वीआइपी कॉलोनी में 28 जून को स्थानीय लोगों के काफी हंगामा करने के बाद सड़क बनाने का काम शुरू हुआ. लेकिन, सड़क ऐसी बनायी गयी है कि वह निर्माण के महज 15 दिनों के बाद से ही उखाड़ने लगी है. वीआइपी कॉलोनी की नयी सड़क जितनी लंबाई में बनी है, सभी जगह सड़क से गिट्टी 15 दिनों बाद से ही उखड़ने लग गयी है. सड़क पर अभी से ही छोटे-छोटे गड्ढे हो गये हैं. उक्त सड़क स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार की पोल खोलती नजर आ रही है. सड़क के घटिया निर्माण के कारण स्थानीय लोगों में इतना आक्रोश है कि उनका कहना है कि इससे बेहतर यही होता कि नगर पर्षद इस सड़क को बगैर बनवाये ही पहले की ही स्थिति में छोड़ देता. यह सड़क लोगों को सुविधा देने के लिये नहीं बल्कि अपने लूट खसोट करने के लिए बनायी गयी है. ऐसा कहीं नहीं होता है कि किसी जिला मुख्यालय में बनी सड़क भी 15 दिनों के अंदर ही उखड़ने लगे और उसे कोई देखने वाला भी नहीं हो, जबकि, इसे लेकर शिकायत भी किया जा रहा है, तो कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है. = आखिर ऐसी सड़क क्यों बनवाती है नगर पर्षद आखिर नगर परिषद ऐसी सड़कों को क्यों बनवाती है, जो की बनने के 15 दिनों के अंदर ही टूटने लगती है. जबकि, ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ शहर के वीआइपी कॉलोनी में बनी सड़क की यह स्थिति है. नगर परिषद के द्वारा जितनी भी सड़के बनायी जा रही हैं, लगभग सभी सड़कों की यही स्थिति है. इसके पहले बनी चकबंदी रोड की सड़क हो या फिर शहर के अन्य मोहल्ले में बनी नयी सड़क सभी की स्थिति लगभग एक जैसी है, जो बनने के साथ ही उखड़ने लग रही है. जब नगर परिषद को इस तरह का घटिया निर्माण ही करना रहता है, तो आखिरकार सरकार के करोड़ों रुपये सड़क निर्माण पर यह लोग क्यों बर्बाद करते हैं. सरकार करोड़ों की राशि नगर परिषद को शहर में विकास के लिए देती है, लेकिन इस तरह का घटिया निर्माण करा कर सरकार के करोड़ों रुपये को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी जाती है. कार्रवाई नहीं होने से दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है नगर परिषद में सड़क निर्माण की स्थिति ऐसा नहीं है कि यह कोई पहली सड़क है, जो बनने के 15 दिनों के अंदर ही उखड़ने लगी है. इसके पहले चकबंदी रोड के सड़क की भी स्थिति यही है शहर के कई मुहल्ले में बने सड़क बनने के साथ ही उखड़ने लगे. इसे लेकर स्थानीय लोगों की ओर से शिकायत भी की जाती है. लेकिन, उनकी शिकायत को कोई सुनने वाला नहीं होता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस तरह का भ्रष्टाचार कोई सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं किया जा रहा है. बल्कि, यहां जिले के सभी हुक्मरान बैठते हैं. वहीं, पर उनके नाक के नीचे इस तरह का भ्रष्टाचार लगातार किया जा रहा है और इस पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण भ्रष्टाचारियों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है और घटिया निर्माण का दंश शहरवासी लगातार भुगत रहे है. हाल के वर्षों में जिस तरह से नगर परिषद के द्वारा घटिया निर्माण करने का प्रचलन बढ़ा उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि नगर परिषद पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. = क्या कहते है मुहल्ले वासी नगर पर्षद की मनमानी इतनी है कि पहले इस सड़क को खोद कर काफी दिनों तक छोड़ दिया गया. इस कारण इस मुहल्ले के लोगों की गाड़ियां उनके घरों में ही कैद हो गयी. काफी हंगामा के बाद जब इसे बनाया गया, तो इसका निर्माण इतना घटिया किया गया है. यह बनने के साथ ही उखड़ने लगी है. यह सड़क शहर में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है. इससे बेहतर होता कि इसे पहले के ही स्थिति में छोड़ दिया जाता, कम से कम सरकार का करोड़ों रुपया बर्बाद तो नहीं जाता. -अमितेश कुमार संवेदक जब सड़क बन रहा था तभी हम मोहल्ले वासियों ने कहा था कि इसका मटेरियल काफी घटिया है, यह सड़क नहीं चलेगी. इसमें जो मसाला बनाया जा रहा है. उसमें और मटेरियल की जरूरत है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था, किसी दूसरे जगह पर मसाला बनाकर यहां लाकर ढलाई की जा रही थी, ताकि मसाला को बनते हुए देखकर स्थानीय लोग हंगामा या विरोध नहीं करें नगर परिषद के लोग योजनाबद्ध तरीके से इस भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं. – श्याम बिहारी सिंह यह रोड लगभग एक महीने ढलाई किए हुए हुआ है. लेकिन यह रोड उखड़ने लगी. पहले से भी खराब स्थिति हो गयी है. जिसकी शिकायत नगर अध्यक्ष से भी की गयी. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. सड़क बनने के साथ ही उखड़ने लगी है. यह सड़क शहर में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है. इससे बेहतर होता कि इसे पहले के ही स्थिति में छोड़ दिया जाता, कम से कम सरकार का करोड़ों रुपया बर्बाद तो नहीं जाता. – एडवोकेट अभय शंकर सिंह बीआइपी कॉलोनी के रहने वाले लक्ष्मी शर्मा कहते हैं कि निर्माण के 15 दिन भी या सड़क नहीं चला सड़क उखड़ने लगा है. पूरे सड़क पर गिट्टी उखाड़ कर बिखर गया है सभी जगह पर छोटे-छोटे गढ्ढे हो गये हैं, जो गिट्टी उखाड़ कर बिखर गया है. वह गाड़ियों के टायर के नीचे आने के बाद छिटक कर आसपास में रहने वाले लोगों व राहगीरों को गंभीर रूप से जख्मी कर रही है. यह सड़क हम लोगों को राहत देने के बजाय आज पीड़ा का कारण बन गयी है – लक्ष्मी शर्मा = क्या कहते हैं नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि उक्त सड़क को लेकर हमें शिकायत प्राप्त हुई है अभी संवेदक के राशि का भुगतान नहीं किया गया है, जब तक वह सड़क को मरम्मति कराकर ठीक नहीं करेगा, तब तक उसका भुगतान नहीं किया जायेगा.

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