कर्मनाशा व दुर्गावती नदी में बढ़ी मगरमच्छों की संख्या, 75 से 80 की संख्या में हैं मौजूद

KAIMUR NEWS.जिले के कर्मनाशा और दुर्गावती नदी में इन दिनों लगभग 75 से 80 की संख्या में मगरमच्छों की मौजूदगी पायी गयी है. जलस्तर बढ़ने के कारण ये मगरमच्छ लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल बना हुआ है.

By Vikash Kumar | October 26, 2025 8:39 PM

डीएफओ ने डीएम को लिखा पत्र, छठ घाट अन्यत्र बनाने की सिफारिश

जलस्तर बढ़ने के कारण मगरमच्छ का नहीं हो पा रहा है रेस्क्यू

भभुआ नगर.

जिले के कर्मनाशा और दुर्गावती नदी में इन दिनों लगभग 75 से 80 की संख्या में मगरमच्छों की मौजूदगी पायी गयी है. जलस्तर बढ़ने के कारण ये मगरमच्छ लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल बना हुआ है. वन विभाग की टीमें लगातार निगरानी और रेस्क्यू के लिए अभियान चला रही हैं, लेकिन पानी अधिक होने से मगरमच्छों को सुरक्षित तरीके से पकड़ पाना संभव नहीं हो पा रहा है. इधर, छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए वन प्रमंडल पदाधिकारी राजीव रंजन ने जिला पदाधिकारी, नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी रामगढ़ और प्रखंड विकास पदाधिकारी रामगढ़ को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि छठ घाटों का निर्माण मगरमच्छ प्रवास वाले क्षेत्रों को छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थानों पर किया जाये, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. वहीं वन विभाग ने चेतावनी बोर्ड लगाने, सुरक्षा घेराबंदी बढ़ाने और ग्रामीणों को सतर्क करने के निर्देश भी दिये हैं. विभाग का कहना है कि जलस्तर कम होने के बाद मगरमच्छों के रेस्क्यू की प्रक्रिया दोबारा शुरू की जायेगी, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके. गौरतलब है कि मगरमच्छ दिखाई देने और छठ पर्व को देखते हुए शनिवार को वन विभाग ने रेस्क्यू अभियान चलाया था. लेकिन, मगरमच्छ पकड़ में नहीं है आ सके. रेस्क्यू टीम का हाथ खाली रह गया. इधर, इस संबंध में पूछे जाने पर वन प्रमंडल पदाधिकारी राजीव रंजन ने बताया कि नदी में पानी का स्तर अधिक होने के कारण मगरमच्छ कई बार मानव आबादी के करीब देखे जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और लोगों से अपील की गयी है कि वे नदी किनारे जाने से परहेज करें. डीएफओ ने कहा कि फिलहाल दुर्गावती और कर्मनाशा नदी में 75 से 80 मगरमच्छ मौजूद हैं. जिला प्रशासन को भी पत्र दिया गया है कि मगरमच्छ प्रवास वाले जगह पर छठ घाट का निर्माण न करे.

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