Kaimur News : प्रभात एक्सक्लूसिव : एक करोड़ रुपये खर्च, फिर भी लिच्छवी भवन की टपकने लगी छत

महज छह माह पहले भवन का हुआ था जीर्णोद्धार

By PANCHDEV KUMAR | September 7, 2025 9:20 PM

भभुआ कार्यालय. लिच्छवी भवन शहर का इकलौता सभागार भवन है. जहां पर सरकारी प्राइवेट सहित कई राजनीतिक कार्यक्रम होते रहते हैं. इसके अतिरिक्त भभुआ जिला मुख्यालय में कोई भी ढाई सौ क्षमता या इससे अधिक क्षमता वाला सभागार नहीं है. छह महीने पहले प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के आगमन पर नगर पर्षद, भभुआ के द्वारा इस सभागार के जीर्णोद्धार पर एक करोड़ से अधिक रुपये खर्च किये गये थे. इसके बावजूद महज छह महीने में ही भवन की स्थिति जर्जर हो गयी है. भवन की छत से इस बारिश के मौसम में लगातार झरने की तरह पानी अंदर सभागार में गिर रहा है. इस कारण दीवार व कुर्सियां खराब हो रही हैं. वहीं, आधे से अधिक एसी खराब होने के कारण बंद पड़ हैं. नगर पर्षद के द्वारा इतनी मोटी रकम खर्च किये जाने के बावजूद लिच्छवी भवन की स्थिति किये गये काम पर स्पष्ट रूप से बड़े सवाल खड़े कर रही है.

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नगर पर्षद की ओर से प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के आगमन पर तत्काल जीर्णोद्धार की आवश्यकता बताते हुए एक करोड़ चार लाख 45 हजार रुपये का काम कराया गया था. इसमें लिच्छवी भवन के छत की मरम्मत से लेकर बिजली व्यवस्था ठीक करने के नाम पर लाखों रुपये खर्च किये गये थे. यहां तक की पार्किंग लाइट, रंग-रोगन सहित फव्वारा और झरने पर भी मोटी रकम खर्च की गयी थी़ लेकिन कुछ ही महीने में उसकी स्थिति काफी जर्जर दिखाई पड़ रही है. लिच्छवी भवन की वर्तमान में जो स्थिति है, उसे देखकर यह कोई नहीं कह सकता है कि महज ह महीना पहले ही एक करोड़ रुपये से अधिक इस भवन पर खर्च किया गया है.

छत की मरम्मत पर दिखाया गया है 5.60 लाख रुपये का खर्चलिच्छवी भवन के जीर्णोद्धार के नाम पर खर्च किये गये एक करोड़ रुपये से अधिक का शिलापट्ट उसके परिसर में लगाया गया है. शिलापट्ट के मुताबिक भवन की छत की मरम्मत पर पांच लाख 60 हजार रुपये खर्च किये गये हैं. वहीं, बिजली कार्य पर 14 लाख 98 हजार 530 रुपये खर्च किये गये हैं. उसके परिसर में लगे फब्बारा पर भी 4 लाख 95 हजार खर्च किये गये हैं. जहां इतनी राशि खर्च होने के बावजूद मरम्मत की गयी छत से पानी टपक रहा है. बिजली की स्थिति यह है कि आधे से अधिक एसी खराब हैं. जबकि अंदर में लाइट की स्थिति यह है कि अगर कार्यक्रम के लिए बुक करने वाले व्यक्ति के द्वारा किराये गये अतिरिक्त लाइट न लगवायी जाये, तो उसके लाइट से मंच पर बैठे लोगों का चेहरा देखना भी मुश्किल हो जायेगा. उसी तरीके से फब्बारा की बात करें, तो वह भी खराब पड़ा हुआ है. कुल मिलाकर शहर के इकलौते सभागार की स्थिति यह है कि उस पर एक करोड़ से अधिक राशि खर्च कर दिये गये, लेकिन उसकी स्थिति आज भी खराब ही है. आखिर वह पैसा कहां खर्च किया गया. फब्बारे चार लाख 95 हजार रुपये खर्च करने के बावजूद जब वह बंद पड़ा हुआ है.

एसी के नाम पर बढ़ा दिया गया किराया

शहर का इकलौता सभागार लिच्छवी भवन पूरी तरह से वातानुकूलित सभागार है. इसके नाम पर उसका किराया भी बढ़ाकर 5000 से 10000 कर दिया गया है. वातानुकूलित सभागार के नाम पर समाहरणालय के सामान्य शाखा की ओर से 10 हजार रुपये का किराया भी बुक करने वाले व्यक्ति से वसूल लिया जाता है, लेकिन जब बुक करने वाला व्यक्ति उसमें कार्यक्रम कराता है, तो गर्मी के मारे उसके पसीने छूटने लगते हैं. उसके कर्मी बताते हैं कि आधे से अधिक ऐसी खराब होने के कारण सभागार ठंडा नहीं हो पा रहा है. आखिरकार कार्यक्रम के लिए बुक करने वाले व्यक्ति को बाहर से पंखा एवं कूलर लगाना पड़ता है. एसी खराब होने के कारण अंदर उमस इतनी बढ़ जाती है कि उसमें बैठना भी मुश्किल हो जाता है. आप समझ सकते हैं कि बिजली की मरम्मत के नाम पर नगर पर्षद की ओर से करीब 15 लाख रुपये खर्च किये गये है. इसके बावजूद अगर उसका एसी काम नहीं कर रहा है.

नगर पर्षद की सड़कों की तरह लिच्छवी भवन की भी स्थिति हुई बदतर

नगर पर्षद की सड़कों की एक अलग पहचान है़ शहर में जहां कहीं भी नगर परिषद के द्वारा सड़क बनायी गयी है, वह बनने के साथ ही उखड़ने लगती है. शहर की अधिकतर सड़क बनने के साथ ही उखड़ गयी हैं. अब शहर के इकलौता सभागार जिसके देखभाल की जिम्मेवारी जिला प्रशासन के ऊपर है. उसके जीर्णोद्धार का काम नगर परिषद को दिया गया. लेकिन, वहां का काम भी नगर पर्षद में शहर के सड़कों की तरह कर दिया गया. इससे जीर्णोद्धार होने के बाद भी छह माह में ही पानी टपकने, ऐसी खराब होने, झरना बंद होने सहित कुर्सी व दीवार खराब होने का मामला सामने आ रहा है.

फरवरी 2025 में लिच्छवी भवन के जीर्णोद्धार पर इस तरह खर्च किये गये रुपये

1 लिच्छवी भवन परिसर में पार्किंग लाइट लगाने का काम : 12 लाख 31 हजार 500 रुपये2. लिच्छवी भवन में शौचालय का निर्माण : 10 लाख 91 हजार 400 रुपये3 लिच्छवी भवन में फूल व पौधा लगाने पर खर्च : 01 लाख 84 हजार 900 रुपये4. लिच्छवी भवन में फाउंटेन के साथ फब्बारा लगाने का खर्च : 4 लाख 95 हजार 300 रुपये5. लिच्छवी भवन का मरम्मत व रंग-रोगन : 14 लाख 32 हजार 380 रुपये6 लिच्छवी भवन के सीढ़ी पर ग्रेनाइट एल्युमिनियम एवं स्टील वर्क : 14 लाख 98 हजार 800 रुपये7. लिच्छवी भवन की छत मरम्मत पर खर्च : 05 लाख 60 हजार रुपये8 लिच्छवी भवन परिसर में पार्किंग टाइल्स : 14 लाख 94 हजार रुपये9 लिच्छवी भवन में गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर खर्च : 4 लाख 98 हजार 580 रुपये10 लिच्छवी भवन में बिजली का कार्य : 14 लाख 98 हजार 530 रुपये11 लिच्छवी भवन में पार्किंग लाइट व हाइमास्ट लाइट : 04 लाख 59 हजार 807 रुपये

क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी

उसमें क्या खराब है और क्या-क्या परेशानी आ रही है, इसको लेकर मुझे कोई जानकारी नहीं दी गयी है. अगर वहां की रख-रखाव करने वाले केयरटेकर के द्वारा मुझे जानकारी दी जाती, तो उसे निश्चित रूप से ठीक कराया जाता. छह महीना पहले काम कराया गया है. इस बीच में जो भी खराबी आयी है, उसे लेकर मुझे जानकारी दी जाती तो, उसे ठीक कर दिया जाता, लेकिन मुझे इसकी जानकारी नहीं दी गयी है.

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