एनएच-19 पर पुसौली बाजार में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाएं
ओवरब्रिज की मांग इस बार विधानसभा चुनाव में बना चुनावी मुद्दा
ओवरब्रिज की मांग इस बार विधानसभा चुनाव में बना चुनावी मुद्दा मोहनिया शहर. बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दूसरे चरण का प्रचार जोरों पर हैं, जहां गांव से लेकर शहर व गली मुहल्ले में घूम-घूम कर प्रत्याशी वोट मांग रहे हैं. लेकिन इस बार चुनाव में विकास के मुद्दे हावी हैं. इसी क्रम में कुदरा प्रखंड अंतर्गत पुसौली बाजार में ओवरब्रिज की मांग तेज हो गयी है. यहां लोग समय सीमा के साथ ओवरब्रिज या अंडरपास की मांग कर रहे हैं. मालूम हो कि एनएच 19 पर स्थित कुदरा प्रखंड के पुसौली बाजार के पास सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिल्ली से कोलकाता को जोड़ने वाले इस अतिव्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर न तो ओवरब्रिज का निर्माण हुआ है और न ही अंडरपास की व्यवस्था की गयी है. जबकि, रोजाना हजारों की संख्या में भारी वाहनों की आवाजाही होती रहती है. बाजार और आसपास के गांवों के लोग इसी रास्ते से रोजमर्रा की खरीदारी सहित अन्य कार्य को ले रोज आवाजाही करते हैं, ऐसे में हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है. बता दें कि गुरुवार को भी पुसौली बाजार के पास एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें तीन वाहनों की आपस में जोरदार टक्कर में एक चालक की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे. हादसों का सिलसिला यहीं नहीं रुका . शुक्रवार को भी एक ट्रक ने बाइक सवार युवक व युवती को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गये. स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें तत्काल उपचार के लिए मोहनिया अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया. # क्या कहते हैं ग्रामीण – इस संबंध में विंध्याचल सिंह ने बताया कि वर्षों से पुसौली बाजार में ओवरब्रिज निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. नेताओं द्वारा चुनाव के समय वादे तो किये जाते हैं, पर चुनाव के बाद विकास की बातों को भुला दिया जाता है. – इस संबंध में राजन कुमार ने बताया इस बार चुनाव में पुसौली बाजार में ओवरब्रिज या अंडरपास का निर्माण एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है. सड़क सुरक्षा संबंधित संरचना के अभाव में लगातार हो रहे हादसे से लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. # समय सीमा के साथ ठोस समाधान की मांग मालूम हो पुसौली बाजार और आसपास के गांवों में रहने वाले मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है. लगातार हादसे से उत्पन्न भय और नाराजगी को देखते हुए ओवरब्रिज या अंडरपास का मुद्दा इस बार चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकता है. मतदाता अब सिर्फ घोषणाएं नहीं, समय सीमा के साथ ठोस समाधान की मांग रहे हैं.
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