Kaimur news : 10 साल में मनरेगा के सौजन्य से अब तक बने मात्र 21 आंगनबाड़ी केंद्र

नये आंगनबाड़ी केंद्र नहीं बनने से जर्जर व खतरनाक केंद्रों पर पढ़ रहे हैं बच्चे

By PANCHDEV KUMAR | August 13, 2025 10:04 PM

भभुआ. पिछले 10 साल में में मनरेगा के सौजन्य से जिले में बनाये जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन में अब तक मात्र 21 केंद्रों के भवन का निर्माण हो सका है. दूसरी तरफ नये आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का निर्माण नहीं कराये जाने के कारण कई जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र भवन पर बच्चे पढ़ रहे हैं. ये जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र भवन बच्चों के लिए कभी भी खतरे का सबब बन सकते हैं.

गौरतलब है कि जिले में मनरेगा योजना से आंगनबाड़ी केद्रों का निर्माण वर्ष 2016 में चैनपुर प्रखंड के उदयरामपुर पंचायत से किया गया था. प्रथम चरण में मनरेगा को 29 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण कराने का लक्ष्य दिया गया था. इसमें तीन साल में जिले मात्र छह आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जा सका था. दूसरे, चरण में 54 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण का लक्ष्य वर्ष 2022 में प्राप्त हुआ था. लेकिन, मनरेगा से कराये जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रो के निर्माण की गति इतनी सुस्त रही कि जिला प्रोग्राम पदाधिकारी मनरेगा संजय कुमार के अनुसार, अब तक 54 में से मात्र 21 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण ही कराया जा सका है. इधर, नये आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की सुस्त गति जर्जर और खतरनाक आंगनबाड़ी में शिक्षा और पोषाहार प्राप्त करने वाले बच्चों के लिए कभी भी संकट का सबब बन सकता है.

ज्ञात हो कि जुलाई माह में ही आइसीडीएस की पूर्व जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सरिता रानी ने भगवानपुर प्रखंड के पीहरा आंगनबाड़ी केंद्र कोड संख्या 81 का निरीक्षण किया था. इसके बाद सामुदायिक भवन में चल रहे इस आंगनबाड़ी केंद्र की जर्जर हालत और बच्चों के सुरक्षा को ले खतरनाक स्थिति को देखते हुए बाल विकास परियोजना पदाधिकारी भगवानपुर उक्त केंद्र को अविलंब किराये के भवन में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था. वर्तमान में पीहरा केंद्र की तरह ही कई संचालित किये जा रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को जर्जर भवन में चलाया जा रहा है.

अब तक विभाग ने सरकार को भेजा है 187 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण का प्रस्ताव

जिला आइसीडीएस रेखा कुमारी के अनुसार, नये आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को लेकर विभिन्न वित्तीय वर्षो में सरकार को अब तक 187 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण का प्रस्ताव भेजा जा चुका है. विभागीय जानकारी के अनुसार प्रथम चरण में आइसीडीएस और मनरेगा के संयुक्त तत्वावधान में बनाये जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों का निर्माण आइसीडीएस और मनरेगा के संयुक्त तत्वावधान में कराया जाना था. बाद में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण में वित्तीय रूप से इस योजना में पंचायती राज विभाग को भी शामिल किया गया है. इन भवनों के निर्माण में अधिकतम दो लाख रूपये आइसीडीएस द्वारा, अधिकतम दो लाख रुपये पंचायती राज विभाग द्वारा 15 वें वित्त आयोग के मद से खर्च किये जाने और आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के भारत सरकार द्वारा संशोधित मॉडल प्राक्कलन 12 लाख रुपये के लागत में शेष राशि मनरेगा से खर्च किये जाने की बात बतायी गयी थी.

अब डीएम करेंगे एजेंसी चिह्नित और नाबार्ड के ऋण से बनेगा आंगनबाड़ी केंद्र

भभुआ. आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को लेकर चल रहे सुस्त गति को देखते हुए अब सरकार ने केंद्रों के निर्माण राशि का निवेश और एजेंसी के चयन में फेर बदल किया है. इसे लेकर समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय बिहार सरकार के निदेशक आइसीडीएस द्वारा सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है. इसके अनुसार अब आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों का निर्माण नाबार्ड के आरआइडीएफ के ऋण से बनाया जायेगा. इसकी सूची सभी जिलों को उपलब्ध करायी गयी है. इसका सत्यापन कराया जाये. सत्यापन के बाद जो भूमि आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है. उसके स्थान पर नई भूमि का प्रस्ताव विहित प्रपत्र में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. इधर, आइसीडीएस विभाग के अनुसार नये आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण एजेंसी का चयन जिलाधिकारी स्तर से किया जायेगा. वर्तमान में अधौरा में कराये जा रहे आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण डीएम द्वारा चयनित एजेंसी मुख्यमंत्री क्षेत्रीय ग्रामीण अभिकरण के माध्यम से कराया जा रहा है.

जिले के 1134 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास नहीं है अपना भवन

जिले में बाल विकास परियोजना से संचालित कराये जा रहे 1134 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपना भवन नहीं है. जबकि जिले में वर्तमान समय में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर कुल 1749 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन कराया जा रहा है. अपना भवन वाले केंद्रों की संख्या मात्र 616 है. विभागीय जानकारी के अनुसार, जिले के शहरी क्षेत्र में भभुआ प्रखंड में 28, चैनपुर प्रखंड में 14, मोहनियां प्रखंड में 23, कुदरा प्रखंड में 20 तथा रामगढ़ प्रखंड के शहरी क्षेत्र में 14 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन कराया जाता है. इस तरह शहरी क्षेत्र में कुल 99 केंद्रों का संचालन कराया जा रहा है . जिसमें से शहरी क्षेत्र के 76 केंद्र किराये पर चल रहे हैं. इसी तरह 11 बाल विकास परियोजना के पोषक ग्रामीण क्षेत्र में 1654 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन कराया जा रहा है जिसमें से 742 आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवन में चल रहे हैं.

आंगनबाड़ी केंद्रों की प्रखंड वार संख्याप्रखंड संख्याअधौरा 64भभुआ 285भगवानपुर 100चैनपुर 204चांद 151मोहनियां 240दुर्गावती 155कुदरा 177नुआंव 125रामगढ़ 147रामपुर 101

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