छांव हाइस्कूल का खेल मैदान का निर्माण सात माह से बंद, छात्रों में नाराजगी

संवेदक की लापरवाही से खेल मैदान में जगह-जगह उभरे गड्ढे

By VIKASH KUMAR | October 30, 2025 3:34 PM

संवेदक की लापरवाही से खेल मैदान में जगह-जगह उभरे गड्ढे #मनरेगा से होना था आधुनिक सुविधाओं से लैस खेल मैदान मोहनिया शहर. सरकार भले ही हर पंचायत में खेल विकास को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चला रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का क्रियान्वयन बेहद धीमा है. कई स्थानों पर संवेदक की मनमानी के कारण निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. कुछ ऐसा ही मामला दुर्गावती प्रखंड के पीएम श्री उच्च विद्यालय छांव में देखने को मिल रहा है, जहां खेल मैदान निर्माण योजना लापरवाही की भेंट चढ़ गयी है. मनरेगा योजना के तहत इस विद्यालय परिसर में आधुनिक खेल सुविधाओं से युक्त मैदान तैयार किया जाना था, लेकिन पिछले सात महीनों से कार्य पूरी तरह ठप पड़ा है. मैदान में जगह-जगह गहरे गड्ढे बने हुए हैं, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है. गौरतलब है कि इस योजना के तहत मैदान में समतलीकरण, रनिंग ट्रैक, बास्केटबॉल कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट और फुटबॉल मैदान के साथ-साथ बैठने की व्यवस्था और जल निकासी तंत्र का निर्माण होना था. प्रारंभिक चरण में खुदाई और समतलीकरण का काम शुरू हुआ, लेकिन बीच में ही रोक दिया गया. अब स्थिति यह है कि मैदान खेलने के बजाय दुर्घटना का स्थल बन चुका है. बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेल और शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘एक पंचायत, एक खेल मैदान’ योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करना और विद्यालयों में आवश्यक खेल सुविधाएं उपलब्ध कराना है. सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक मैदान में चारों ओर रनिंग ट्रैक, बास्केटबॉल कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट, फुटबॉल मैदान, बैठने की व्यवस्था, जल निकासी प्रणाली और समतल खेल सतह विकसित की जानी है. लेकिन छांव विद्यालय में निर्माण कार्य अधूरा रहने से छात्रों में नाराजगी व्याप्त है. #क्या कहते हैं एचएम विद्यालय के प्रधानाध्यापक राकेश कुमार ने बताया कि मनरेगा विभाग के माध्यम से खेल मैदान का निर्माण होना था. संवेदक शुरुआती दिनों में सक्रिय दिखे, लेकिन बाद में कार्य पूरी तरह रुक गया. अब मैदान में गहरे गड्ढे हैं, जिससे बच्चों के गिरने का खतरा बना रहता है. न विभाग ध्यान दे रहा है, न ही संवेदक.

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