पर्व-त्योहार के बाद अब वैवाहिक आयोजनों से लौटेगी रौनक, दो नवंबर से बजेगी शहनाई
नवंबर से अगले साल 2026 के मार्च महीने तक 33 दिन वैवाहिक शुभ मुहूर्त
= नवंबर से अगले साल 2026 के मार्च महीने तक 33 दिन वैवाहिक शुभ मुहूर्त = नवंबर में 15 और दिसंबर में तीन, लेकिन तारा डूबने से जनवरी में वैवाहिक मुहूर्त नहीं भभुआ सदर. दशहरा के बाद इस बार अक्तूबर महीने में ही दीपावली और छठ पूजा के साथ ही सभी बड़े त्योहार संपन्न हो चुके हैं. त्योहारी सीजन के गुजरते ही अब बैंड बाजा बरात का सीजन शुरू हो जायेगा. साल 2025 के अंत में इस बार दो नवंबर से मार्च 2026 तक जिले में खूब शहनाई बजेगी. हिंदी कैलेंडर के अनुसार यह कार्तिक का महीना है. मान्यता है कि इस महीने की एकादशी तिथि को विष्णु भगवान चार माह के बाद योगनिद्रा से जाग जाते हैं. इसके बाद शादी-विवाह समेत सभी प्रकार के शुभ-मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इस तिथि से लोग शादी विवाद और अन्य शुभ काम करने लगते हैं. इस वर्ष यानी वर्ष 2025 को देवउठनी एकादशी शनिवार एक नवंबर को है. =दो को होगा भगवान शालीग्राम व माता तुलसी का विवाह ज्योतिषशास्त्री पंडित उपेंद्र तिवारी व्यास ने बताया कि इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि एक नवंबर को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर प्रारंभ होगी और एकादशी तिथि का समापन दो नवंबर को सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर होगा. इसलिए उदया तिथि में देवउठनी एकादशी का व्रत एक नवंबर को रखा जायेगा. जबकि भगवान शालीग्राम और माता तुलसी का विवाह दो नवंबर को मनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व है. हर महीने के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की एकादशी को व्रत किया जाता है, इस तरह से साल में कुल 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं. एकादशी व्रत में भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास समाप्त होता है और भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और फिर से सृष्टि का संचालन करते हैं. इसलिए इसे देवोत्थान एकादशी या देव प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है. =फरवरी में 10 व मार्च में पांच दिन ही शुभ मुहूर्त पंडित उपेंद्र तिवारी ने बताया कि हिंदू रीति रिवाज को मानने वाले सनातनी लोगों के घरों में होनेवाले शादियों की तारीखों में मुहूर्त का महत्व सबसे ज्यादा होता है. अधिकतर घरों में शुभ मुहूर्त में ही लड़के व लड़कियों की शादियां की हैं. इस बार कल से शुरू हो रहे नवंबर महीने में 15 दिन शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त हैं, जबकि दिसंबर में तीन दिन मुहूर्त हैं. वहीं, जनवरी 2026 में तारा डूबने के कारण कोई शुभ मुहूर्त नहीं हैं. फरवरी में 10 मुहूर्त हैं और मार्च में पांच मुहूर्त शादी विवाह के लिए शुभ हैं. उधर, कल से शुरू हो रहे नवंबर महीने में 2, 3, 7, 8, 12, 13, 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29 और 30 नवंबर को शुभ मुहूर्त हैं. जबकि, दिसंबर में मात्र तीन दिन ही शहनाई बज पायेगी, जिनमें 4, 5 और 6 दिसंबर को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. लेकिन जनवरी 2026 में तारा डूबने के कारण कोई भी शुभ मुहूर्त विवाह के लिए नहीं है, इसलिए जनवरी माह में शादी-विवाह की कोई शहनाई नहीं बज पायेगी. फरवरी 2026 में मात्र 10 दिन ही शहनाई की गूंज सुनाई देगी, जिनमें 3, 4, 5, 10, 13, 19, 20, 21, 25 व 26 फरवरी की तारीखें ही शादी-विवाह के लिए शुभ हैं. मार्च माह में केवल पांच दिन ही शादी-विवाह के लिए शुभ हैं, जिनमें 6, 9, 10, 11 व 12 मार्च को विवाह मंडपों में शहनाई बजेंगी. =घरों-मैरेज लॉन में शादी-विवाह की शुरू हुईं तैयारियां दरअसल, भारतीय सनातन परंपरा में शुभ विवाह मुहूर्त दो नवंबर से शुरू हो रहा है. इस दिन घरों से लेकर मैरेज लॉन, हॉल और मंदिर-मठों से लेकर धाम तक वैवाहिक गीतों से गूंज उठेंगे. घरों में शादी-विवाह को लेकर खास तैयारियां जोरों पर है. गौरतलब है कि हिंदू सनातन धर्म में बेटे-बेटियों की शादी ढोल-नगाड़े और शहनाई की धुन पर धूमधाम से कराने की परंपरा रही है. देवउठनी एकादशी से नवंबर में विवाह के लिए 15 शुभ मुहूर्त हैं. दिसंबर में भी विवाह के लिए तीन शुभ दिन हैं. इसको देखते हुए काफी संख्या में वैवाहिक आयोजनों के होने की संभावना है. इधर, बाजार भी लोगों के उत्साह में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार है. =सभी मैरेज हॉल और लॉन की बुकिंग फूल शादी विवाह को लेकर वृंदावन मैरेज हॉल के प्रबंधक अमित पटेल ने बताया कि वेडिंग सीजन के लिए बुकिंग फूल हो चुकी है. गौरतलब है कि शहर में 23 मैरिज हॉल और पांच से अधिक छोटे बड़े होटल, 10 से अधिक टेंट हाउस वाले है, सभी की नवंबर, दिसंबर और मार्च तक की बुकिंग फूल है. शादी विवाह को लेकर टेंट, लाइट, कैटरिंग, भाड़े के वाहन की बुकिंग जोरों पर चल रही है.
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