राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर डायट में हुआ सामूहिक गायन
राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सामूहिक गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया
मोहनिया शहर. स्थानीय जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में भारत सरकार व राज्य शिक्षा शोध व प्रशिक्षण परिषद, पटना के निर्देशानुसार राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सामूहिक गायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, त्याग व मातृभूमि के प्रति आभार की भावना को मजबूत करना था. कार्यक्रम का उद्घाटन डायट के प्राचार्य संजय कुमार ने किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वंदे मातरम् गीत देशवासियों के हृदय में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत करता है. यह केवल गीत नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वीरों की प्रेरणा का भी स्रोत था. इस अवसर पर व्याख्याता धवल राम ने वंदे मातरम् गीत के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह भारत का राष्ट्रीय गीत है, जिसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने सात नवंबर 1875 को अपने प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंद मठ’ में लिखा था. इसके बाद गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने 1896 के कोलकाता अधिवेशन में पहली बार इसे सार्वजनिक रूप से गाया था. व्याख्याता डॉ ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि बंगाल विभाजन आंदोलन के दौरान वंदे मातरम् स्वतंत्रता सेनानियों का युद्ध घोष बन गया था. आंदोलनकारी हुगली नदी में स्नान कर वंदे मातरम् का जयघोष करते हुए अंग्रेजी सत्ता से लोहा लेने सड़कों पर निकल पड़े थे. कार्यक्रम में प्रशिक्षु आनंदमयी सहित अन्य प्रतिभागियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये, इस दौरान कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता सुनील कुमार व अनिल मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम में डॉ पूजा मिश्रा, डॉ संदीप कुमार, रविंद्र कुमार गुप्ता सहित सभी व्याख्याता व कर्मचारी उपस्थित रहे. अंत में धन्यवाद ज्ञापन व्याख्याता डॉ राजकुमार यादव ने किया.
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