Kaimur News :मध्याह्न भोजन के लिए एचएम को खटखटाना पड़ रहा पड़ोसियों का घर

जिले के विद्यालयों में चापाकल खराब रहने के कारण बच्चों को प्यास बुझाने के लिए घर जाना पड़ता है. वहीं, बच्चों का मध्याह्न भोजन पानी की समस्या के चलते प्रभावित न हो, इसके लिए प्रधानाध्यापक को विद्यालय के सटे पड़ोस के लोगों के घर से नहीं तो बाजार से पानी खरीद कर मांगना पड़ता है.

By PRABHANJAY KUMAR | April 13, 2025 9:13 PM

भभुआ नगर. जिले के विद्यालयों में चापाकल खराब रहने के कारण बच्चों को प्यास बुझाने के लिए घर जाना पड़ता है. वहीं, बच्चों का मध्याह्न भोजन पानी की समस्या के चलते प्रभावित न हो, इसके लिए प्रधानाध्यापक को विद्यालय के सटे पड़ोस के लोगों के घर से नहीं तो बाजार से पानी खरीद कर मांगना पड़ता है. लेकिन, पीएचइडी के अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हैं, यहां तक कि प्रधानाध्यापक का फोन भी नहीं उठाते. दरअसल, यह मामला भगवानपुर प्रखंड के पतरिहा विद्यालय का है. यहां चापाकल बंद होने से मध्याह्न भोजन प्रभावित होने के कगार पर है. प्रधानाध्यापक को विद्यालय के सटे घरों से पानी मांग कर मध्याह्न भोजन संचालित करना पड़ता है. इसका खुलासा प्रधानाध्यापक द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिये गये आवेदन से हुआ है. प्रधानाध्यापक द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिये गये आवेदन में बताया है कि न्यू प्राथमिक विद्यालय पतरिहा, भगवानपुर का चापाकल पिछले कई दिनों से खराब है. चापाकल खराब से संबंधित सूचना पीएचइडी के कनीय अभियंता के फोन पर व वाट्सएप पर लिखित दिया गया है, लेकिन कनीय अभियंता द्वारा चापाकल की मरम्मत नहीं करायी गयी. आवेदन में कहा है कि कनीय अभियंता से अभी तक तीन से चार बार फोन के माध्यम से शिकायत दर्ज कर चुका हूं, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया, ना ही चापाकल बनाया गया. चापाकल खराब रहने के कारण विद्यालय के सटे रमाशंकर पटेल या अन्य घरों से मध्याह्न भोजन बनाने के लिए पानी मांगकर लाया जा रहा है, जिससे आगे इस तरह से विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना संचालित करना मुश्किल है और इसकी सारी जवाबदेही प्रधानाध्यापक की नहीं, बल्कि विभाग की होगी. गौरतलब है कि विगत दिनों जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने सख्त आदेश जारी किया था कि किसी भी हाल में बच्चों का मध्याह्न भोजन बंद नहीं होना चाहिए. इतना ही नहीं जिला पदाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी से विद्यालय में संचालित हो रहे मध्याह्न भोजन की जांच भी करायी थी और आदेश दिया था कि जांच के दौरान मध्याह्न भोजन गुणवत्तापूर्ण व कहीं बंद मिला तो संबंधित अधिकारी व एनजीओ संचालक पर कार्रवाई की जायेगी. इसके बावजूद इस तरह का मामला केवल भगवानपुर प्रखंड के पतरीहा विद्यालय का ही नहीं है, जिले में एक दर्जन से अधिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आवेदन दिये हैं कि चापाकल बंद रहने के कारण मध्याह्न भोजन प्रभावित होने की संभावना है. एमडीएम प्रभावित होने पर जिम्मेदार होंगे अधिकारी गौरतलब है कि विगत एक सप्ताह पहले मध्याह्न भोजन निदेशक विनायक मिश्रा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को आदेश जारी किया था कि जिले के विद्यालयों में सबमर्सिबल व चापाकल बंद रहने या पेयजल की समस्या के कारण बच्चों का मध्याह्न भोजन योजना प्रभावित होती है, तो जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी जिम्मेदार होंगे. जारी आदेश में कहा गया था कि कतिपय सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि भीषण गर्मी के कारण पेयजल की समस्या होने की संभावना है. शत प्रतिशत विद्यालयों में पानी के निदान हेतु विभाग द्वारा राशि आवंटित की गयाीहै. किसी भी परिस्थिति में मध्याह्न भोजन बाधित नहीं होनी चाहिए. इसके बावजूद कहीं मध्याह्न भोजन बाधित होता है तो सारी जवाबदेही जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन की होगी. करोड़ों खर्च के बाद भी विद्यालय में प्यासे रह रहे बच्चे गौरतलब है कि विद्यालय में सभी सुविधा छात्र-छात्राओं को मिले, इसके लिए जिले में करोड़ों रुपये खर्च कर भवन की मरम्मत, मध्याह्न भोजन के लिए थाली व बैंच डेस्क की खरीदारी की गयी है. लेकिन, सरकार का प्राइम प्रोजेक्ट बच्चों के दोपहर के मिलने वाला मध्याह्न भोजन पानी के अभाव में प्रभावित होने की कगार पर है. हालांकि, विद्यालयों में पानी की समस्या उत्पन्न हो इसके लिए विभाग द्वारा करोड़ों रुपये आवंटित किये गये हैं, इसके बावजूद कई विद्यालय के प्रधानाध्यापकों द्वारा आये दिन आवेदन दिया जाता है कि पानी के अभाव में मध्याह्न जन बंद होने की कगार पर है. यानी विद्यालयों में रखरखाव के लिए सरकार द्वारा करोड़ों खर्च करने के बाद भी विद्यालय में बच्चे पानी के लिए प्यासे रह रहे हैं. – कहते हैं प्रधानाध्यापक इस संबंध में पतरिहा विद्यालय के प्रधानाध्यापक अभिषेक शुक्ला ने कहा चापाकल बंद होने की सूचना पीएचइडी को कई बार दी गयी है, लेकिन चापाकल की मरम्मत नहीं हो सकी है. पानी की किल्लत के कारण मध्याह्न भोजन प्रभावित होने के कगार पर है. इस संबंध में जानने के लिए एमडीएम डीपीओ के मोबाइल पर भी कई बार संपर्क किया गया, लेकिन फोन नहीं उठाने के कारण जानकारी नहीं मिल सकी.

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