Kaimur News : सरकारी भवनों में अब ग्रिड सोलर सिस्टम से जलेगी बिजली
जिले के सरकारी भवनों में लगाये गये सोलर पैनल अब ग्रिड सोलर सिस्टम से रिचार्ज किये जायेंगे, जिसे लेकर सरकारी भवनों पर लगे सोलर पैनलों से जुड़े बैटरी को अब वापस ब्रेडा को भेजा जा रहा है.
भभुआ. जिले के सरकारी भवनों में लगाये गये सोलर पैनल अब ग्रिड सोलर सिस्टम से रिचार्ज किये जायेंगे, जिसे लेकर सरकारी भवनों पर लगे सोलर पैनलों से जुड़े बैटरी को अब वापस ब्रेडा को भेजा जा रहा है. इस योजना के तहत जिले के 490 सरकारी भवनों पर रुफ टॉप सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. गौरतलब है कि सरकारी कार्यालयों में बिजली बचत को लेकर सरकार द्वारा पिछले कुछ सालों से सरकारी कार्यालयों में बिजली बचत करने को ले दिशा निर्देश सहित सौर उर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है. कई सरकारी भवनों की छत पर सौर उर्जा के पैनल लगाये भी गये हैं, जो सूर्य के रोशनी से चार्ज होकर बिजली की आपूर्ति करता है. लेकिन, जिला ब्रेडा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने अब ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्रोग्राम जारी किया है. यह एक ऐसी सौर उर्जा प्रणाली है जिससे सीधे ग्रिड से बिजली लेकर इसका उपयोग किया जा सकता है. इधर, विभागीय जानकारी के अनुसार चूकिं सरकारी कार्यालय दिन में ही संचालित किये जाते हैं. इसलिए सरकार द्वारा सरकारी कार्यालयों के लिए ग्रिड रूफटाॅग सोलर पैनल लगाये जाने का निर्देश दिया गया है. इससे सौर पैनलों का उपयोग करके सरकारी कार्यालयों में बिजली की बचत की जा सकती है. इसमें सोलर पैनलों को सीधे ग्रिड के बिजली से जोड़ दिया जाता है. इस सोलर पैनल को सरकारी कार्यालयों को बंद करने के समय या अवकाश के दिन भी ग्रिड सिस्टम से कनेक्टेड बिजली को जारी रखे रहना है. इस पैनल में बैटरी की आवश्यकता नहीं होती है. यह पूरा पैनल बिजली से रिचार्ज होता है. इसे लेकर सरकारी भवनों में लगे सोलर पैनलों के बैटरी को हटाकर ब्रेडा को वापस भेजा जा रहा है. जिले में कुल 490 सरकारी भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला ब्रेडा विभाग के कनीय अभियंता श्याम सुंदर सिंह ने बताया कि इसमें सरकारी कार्यालयों से लेकर अन्य सरकारी भवन भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस, सदर अस्पताल भभुआ, डीएम आवास आदि जगह के बैटरी हटाये जा रहे हैं और ग्रिड कनेक्टेड सोलर पैनल लगाने के लिए अन्य भवनों की जांच की जा रही है, ताकि पता चल सके कि किन भवनों की छत पर यह पैनल अधिष्ठापित किया जा सकता है. इन्सेट रूफटॉप सोलर सिस्टम पर्यावरण के लिए भी अच्छा भभुआ. सरकार द्वारा जारी किया गया ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्रोग्राम कई मायनों से काफी महत्वपूर्ण है. एक तरफ इस सिस्टम से कार्यालयों में जहां बिजली बिल मे बचत बढ़ जायेगी. वहीं, दूसरी तरफ पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी इस सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका है. इस सिस्टम के प्रयोग से वायुमंडल में होने वाले प्रदूषण की संभावनाएं लगभग शून्य हो जाती हैं. क्योंकि, इसके बिजली उत्पन्न करने की विधि में प्रदूषण बहुत कम या नगण्य होता है. क्योंकि, सौर पैनलों से कार्बन का उत्सर्जन कम होता है, जो जलवायु परिवर्तनों से निपटने में महत्वपूर्ण है. मिलाजुला कर सौर उर्जा एक स्वच्छ उर्जा स्रोत है जो ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के साथ पर्यावरण के लिए अधिक टिकाऊ है. सरकार के इस योजना का लाभ व्यक्तिगत या संस्थागत भवनों के लिए भी लिया जा सकता है. जानकारी के अनुसार, इस योजना में सरकार द्वारा किलोवाट पर सब्सिडी भी दिया जाता है.
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