समाहरणालय कर्मियों की हड़ताल से एक्सप्रेसवे के मुआवाजा भगुगतान पर लगा ब्रेक
भू-अर्जन विभाग जमीन बगैर मुआवजा भुगतान किये जमीन पर काम नहीं करने दे रहे हैं रैयत, मालिकों को नहीं कर पा रहा मुआवजे का भुगतान
भभुआ.
कार्यालय भारतमाला परियोजना के तहत बनाये जा रहे बनारस-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में अभी एक रोड़ा दूर हो नहीं पा रहा है कि दूसरी बाधा खड़ी हो जा रही है. जमीन अधिग्रहण के लिए जवाबदेह भू-अर्जन विभाग समाहरणालय कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण अधिग्रहित जमीन के मालिकों को भुगतान नहीं हो पा रहा है. एक तरफ जमीन मालिक यह कहकर काम रुकवा दे रहे हैं कि जब तक उनके अधिग्रहित किये गये जमीन का मुआवजा राशि उनके खाते में भेज नहीं दिया जाता है, तब तक वह अपनी जमीन पर काम नहीं करने देंगे. इस मांग के बाद मुख्य सचिव से लेकर कमिश्नर व डीएम सहित सभी लोगों ने काफी प्रयास के बाद भुगतान में तेजी लाया था. इसका नतीजा रहा कि लगभग 200 की जमीन मालिकों को 50 करोड़ से अधिक राशि का भुगतान कर दिया गया. लेकिन, पिछले 15 दिनों से समाहरणालय कर्मियों के हड़ताल पर जाने के मुआवजा भुगतान पर पूरी तरह से ब्रेक लग गया है. समाहरणालय के सभी लिपिक सामूहिक रूप से हड़ताल पर चले गये हैं. इसके कारण भू-अर्जन शाखा में कोई भी लिपिक भुगतान की फाइल को तैयार कर अधिकारियों के पास ले जाने वाला नहीं है, ऐसी स्थिति में जमीन मालिकों को हो रहे भुगतान पर फिलहाल ब्रेक लगा हुआ है, जो अधिग्रहित जमीन पर काम लगाने में एक नयी बाधा के रूप में सामने आया है. बगैर मुआवजा दिये काम नहीं करने दे रहे हैं जमीन मालिकजब भी निर्माण करने वाली एजेंसी और प्रशासन अधिग्रहित जमीन पर एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए काम करने उतर रही है, तो किसान भी विरोध में अपने जमीन पर उतर जा रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक उनके खाते में अधिग्रहित जमीन का मुआवजा राशि भुगतान नहीं कर दिया जाता है, तब तक वह अपनी जमीन पर काम नहीं करने देंगे. उनका कहना है कि बगैर भुगतान किया अगर प्रशासन के द्वारा हमारी जमीन तो अपने कब्जे में ले लिया जाता है, तो फिर वह हमें मुआवजा भुगतान करने में सरकार के अन्य कामों की तरह हमें काफी दौड़येंगे और हम जमीन मालिकों को अपने जमीन के पैसे के लिए कार्यालय में दर-दर ठोकर खाना पड़ेगा. इस तरह की समस्या से जमीन मालिकों ने डीएम से लेकर मुख्य सचिव तक को अवगत कराया था, जिसके बाद भू-अर्जन कार्यालय से लेकर एनएचएआइ तक से बातचीत कर भुगतान में तेजी लाया गया था, लेकिन अब एक बार फिर भुगतान की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है.जिले में 2948 लोगों का जमीन किया जाना है अधिग्रहणजिले में बनारस रांची-कोलकाता-एक्सप्रेसवे एक्सप्रेसवे की चार आंचल से होकर गुजर रहा है. जिले में 52 किलोमीटर एक्सप्रेसवे का निर्माण होना है. इसके लिए 2948 जमीन मालिकों का जमीन अधिग्रहण किया जाना है, इसमें अभी तक लगभग 200 जमीन मालिकों को उनके अधिग्रहित जमीन का लगभग 50 करोड़ रूपया भुगतान किया जा चुका है. लेकिन, अभी भी 2700 जमीन मालिकों की अधिग्रहीत जमीन की राशि का भुगतान किया जाना बाकी है, अभी महज 7% जमीन मालिकों को ही उनके अधिग्रहित जमीन के मुआवजा का भुगतान किया जा सका है.
क्या कहते हैं जिला भू-अर्जन पदाधिकारी
जिला भू-अर्जन पदाधिकारी संजीव कुमार सज्जन ने बताया कि समाहरणालय की लिपिओं के हड़ताल पर जाने के कारण अधिग्रहित जमीन के मुआवजे के भुगतान की फाइल तैयार नहीं हो पा रही है. इस कारण भुगतान में परेशानी आ रही है. अभी जो फाइल पहले से तैयार है, उसी का भुगतान किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
