भ्रष्टाचार. कार्रवाई के लिए सीओ ने डीएम व एसपीजीआरओ को लिखा पत्र
सीओ व आरटीपीएस कर्मियों में ठनी विधानसभा चुनाव बाद कर्मियों पर हो सकती है कार्रवाई
सीओ व आरटीपीएस कर्मियों में ठनी विधानसभा चुनाव बाद कर्मियों पर हो सकती है कार्रवाई # आरटीपीएस कक्ष के दो कर्मियों को पहले भी डीएम ने भेजा था पुलिस हिरासत में हलका कर्मियों से आवेदन पर बिना प्रतिवेदित कराये ही बनाया जा रहा था आय व जाति प्रमाण पत्र # आवेदकों से प्रति आवेदन 100-200 रुपये लेने की मिली थी शिकायत # फाॅलोअप # मोहनिया सदर. अंचल द्वारा संचालित आरटीपीएस काउंटर कक्ष लंबे समय से भ्रष्टाचार में लिप्त है, जिसमें कई कर्मियों का दामन दागदार है. मालूम हो 14 जून 2023 को तत्कालीन जिलाधिकारी सावन कुमार ने आरटीपीएस काउंटर कक्ष का औचक निरीक्षण किया था, तब डीएम अपनी गाड़ी से उतरते ही बिना देर किये सीधे आरटीपीएस कक्ष में प्रवेश कर गये थे. जांच के क्रम में डीएम को बहुत से ऐसे जाति, आय व निवास के आवेदन मिले, जिस पर संबंधित पंचायतों के हलका कर्मियों द्वारा अनुशंसा (रिपोर्ट) नहीं की गयी थी, इसके बावजूद जाति व आय प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया था. डीएम ने जाति व आय प्रमाण पत्र बनाने वाले दोनों डाटा ऑपरेटर को हिरासत में लेने का आदेश दिया था. इसके साथ ही डीएम के अंगरक्षकों ने तुरंत दोनों संविदा कर्मियों को अपनी गिरफ्त में ले पुलिस हिरासत में थाने भिजवा दिया था. साथ ही उस समय पदस्थापित सीओ राजीव कुमार व राजस्व अधिकारी प्रियदर्शिनी को उक्त दोनों के विरुद्ध थाने में एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया था. यह नजारा देख उस समय अंचल के सभी कर्मचारियों के हाथ पांव फूलने लगे थे. हालांकि बाद में अधिकारियों के काफी अनुनय विनय करने पर हिरासत में लिये गये कर्मियों पर बिना एफआइआर दर्ज कराये छोड़ दिया गया व उनका स्थानांतरण कर दिया गया था. # प्रति आवेदन 100-200 रुपये आवेदकों से लेने की डीएम को मिल रही थी शिकायत गड़बड़ी करने वाले दोनों आरटीपीएस काउंटर कक्ष के कर्मियों को पुलिस हिरासत में थाने भिजवाने के बाद डीएम ने संवाददाताओं को बताया था कि आरटीपीएस कर्मियों द्वारा जाति, आय व निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों से प्रति आवेदन 100-200 रुपये अवैध रूप से लिए जाने की शिकायत लोगों से मिल रही थी, जो आवेदक रुपये देते थे उनका आय व जाति प्रमाण पत्र बिना हलका कर्मियों से रिपोर्ट लगवाये ही निर्गत कर दिया जाता था. डीएम के अंचल कार्यालय पहुंचने की खबर मिलते ही तत्कालीन एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद भी अंचल कार्यालय पहुंचे. डीएम ने उनसे सख्त लहजे में पूछा आरटीपीएस काउंटर कक्ष में इतनी बड़ी गड़बड़ी की जा रही है और आप लोगों को जानकारी तक नहीं है, यदि इसी तरह अवैध रुपये के चक्कर में बिना हलका कर्मचारी से रिपोर्ट लगवाये किसी व्यक्ति को दूसरी जाति का प्रमाण पत्र या किसी अधिक आय वाले व्यक्ति को कम आय का प्रमाण पत्र जारी होने की स्थिति में कानूनी पेंच फंस गया, तो इसका कौन जिम्मेदार होगा? इतना कहते हुए सीओ व आरओ को भी कड़ी फटकार लगायी गयी थी, इसके बावजूद आरटीपीएस कक्ष में होने वाली गड़बड़ियां थमने का नाम नहीं ले रही है. सीओ व आरटीपीएस कर्मियों में चल रहा है द्वंद 1500 से अधिक आवेदन लंबित रखने वाले आरटीपीएस कक्ष के कुछ कर्मियों व सीओ के बीच अंदर ही अंदर द्वंद चल रहा है. दोनों के बीच चल रहे इस रस्साकसी में आवेदक पिस रहे हैं. सीओ ने जब योगदान किया था, उस समय लगभग 3000 से अधिक आय, जाति और निवास के आवेदन लंबित पड़े थे. सीओ ने देखा कि जो आवेदन पहले से प्राप्त हैं उसे उसी स्थिति में छोड़ दिया जा रहा है, जबकि कुछ आवेदनों पर तत्काल प्रमाण पत्र बना दिया जा रहा है. सीओ को यह खेल समझने में देर नहीं लगी और उन्होंने निर्देश जारी किया कि तत्काल वाले कोई भी आवेदन बिना मेरी अनुमति के नहीं बनाये जायेेगे. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी पंचायतों के हलका कर्मचारी सुबह 10-12 बजे तक आरटीपीएस काउंटर में या अपने कार्यालय में उपस्थित रह कर आय, जाति व निवास के लिए आनलाइन प्राप्त आवेदनों की जांच कर अपनी रिपोर्ट लगायेंगे, ताकि लंबित आवेदनों का बोझ नहीं बढ़े. फिर क्या था अपनी कमाई का जरिया बंद होता देख कुछ आरटीपीएस कर्मियों व सीओ के बीच ठन गयी. आज स्थिति यह है कि सीओ जिस आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र को बनाने का हुक्म दे रही हैं, कर्मी उसे नजरंदाज कर रहे हैं, जिससे कि लोगों की नजर में सीओ सह आरओ की छवि धूमिल हो. लेकिन, अब महिला सीओ शशि सिंह ने भी इस मामले में इन कर्मियों पर कार्रवाई के लिए डीएम व एसपीजीआरओ को पत्र लिखा है. विधानसभा चुनाव के बाद इन कर्मियों पर कार्रवाई होना लगभग तय माना जा रहा है. कहती हैं सीओ इस संबंध में पूछे जाने पर सीओ शशि सिंह ने कहा कि हमारे योगदान करने से पूर्व 3000 से अधिक आवेदन लंबित थे, अभी भी 1500 से अधिक आवेदन लंबित पड़े हैं. आरटीपीएस कर्मियों की मनमानी चरम पर है, इस अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नही की जा सकती है. कार्रवाई के लिए डीएम व एसपीजीआरओ को अनुशंसा करते हुए पत्र भेजा गया है. चुनाव बाद कार्रवाई होगी.
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