कड़ाके की ठंड में दिखा रेलकर्मियों का जज्बा, खेत बना विश्रामालय
जसीडीह–झाझा मुख्य रेलखंड के बीच टेलवा ब्रिज संख्या 676 पर शनिवार रात करीब 11:10 बजे हुए भीषण रेल हादसे के बाद रेलवे का पूरा अमला लगातार युद्धस्तर पर बहाली कार्य में जुटा हुआ है.
सिमुलतला . जसीडीह–झाझा मुख्य रेलखंड के बीच टेलवा ब्रिज संख्या 676 पर शनिवार रात करीब 11:10 बजे हुए भीषण रेल हादसे के बाद रेलवे का पूरा अमला लगातार युद्धस्तर पर बहाली कार्य में जुटा हुआ है. कड़ाके की ठंड, घना कोहरा और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद रेलकर्मियों और मजदूरों की तत्परता व समर्पण काबिले-तारीफ है. हादसे के बाद मौके पर तैनात सैकड़ों रेलकर्मियों और मजदूरों के लिए समुचित विश्रामालय की व्यवस्था नहीं हो सकी. मजबूरी में खुले खेत को ही उनका विश्राम स्थल बना दिया गया है. ठंड और ओस से बचाव के लिए न तो पर्याप्त तिरपाल उपलब्ध है और न ही अस्थायी शेड की व्यवस्था, बावजूद इसके रेलकर्मी बिना किसी शिकायत के बहाली कार्य में डटे हुए हैं. कड़ाके की ठंड में ठिठुरते हुए रेलकर्मी ट्रैक की मरम्मत, दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों को हटाने और रेल परिचालन बहाल करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. क्रेन, गैस कटर और भारी मशीनों के सहारे लगातार काम जारी है, ताकि जल्द से जल्द जसीडीह–झाझा रेलखंड पर यातायात सामान्य हो सके. रेल अमले का यह जज्बा साफ तौर पर दिखाता है कि विपरीत हालात और सीमित संसाधनों के बावजूद वे अपनी जिम्मेदारी निभाने से पीछे नहीं हटते. ठंड और कठिन परिस्थितियों के बीच रेलकर्मियों की मेहनत न सिर्फ प्रशंसा की पात्र है, बल्कि रेलवे की कार्यसंस्कृति और अनुशासन का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करती है.
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