साइबर ठगों ने आंगनबाड़ी लाभार्थी के खाते से उड़ाये छह हजार
साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों के बीच एक ओर जहां पुलिस प्रशासन जनसंवाद कार्यक्रमों के जरिये लोगों को जागरूक करने में जुटा है.
बरहट . साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों के बीच एक ओर जहां पुलिस प्रशासन जनसंवाद कार्यक्रमों के जरिये लोगों को जागरूक करने में जुटा है. वहीं दूसरी ओर साइबर अपराधी नये-नये हथकंडे अपनाकर लोगों को ठगने से बाज नहीं आ रहे हैं. अब साइबर ठगों ने आंगनबाड़ी लाभार्थियों को निशाना बना लिया है. बरहट थाना क्षेत्र अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 75 कोयवा अगनुबथा की लाभार्थी मीनौति कुमारी के मोबाइल पर 9693339028 नंबर से कॉल आया. फोन करने वाले ने खुद को बाल विकास परियोजना से जुड़ा बताते हुए एफआरएस नियम के तहत योजना का लाभ दिलाने की बात कही और आधार कार्ड वेरिफिकेशन का झांसा दिया. इसके बाद लाभार्थी के मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा गया. जैसे ही ओटीपी बताया गया. साइबर ठगों ने खाते से छह हजार रुपये उड़ा लिये. ठगी की जानकारी मिलते ही पीड़िता के होश उड़ गये. घटना को लेकर पीड़िता की ओर से आइसीडीएस विभाग में सूचना दी गयी.
सेविका की सूझबूझ से बड़ा साइबर फ्रॉड टला
दूसरी घटना नुमर पंचायत अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 46 की है. जहां सेविका स्वेता कुमारी की सतर्कता से वह ठगने से बच गयी. यहां भी उसी नंबर 9693339028 से लाभार्थी मुन्नी देवी और रशीदा खातून को कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को आइसीडीएस ऑफिस से बताते हुए कहा कि विभाग द्वारा बच्चों के नाम पर 1000 रुपये भेजे जायेंगे और इसके लिए ओटीपी बताने को कहा. ओटीपी की मांग सुनते ही लाभार्थियों को शक हुआ और उन्होंने इसकी जानकारी सेविका को दी. सेविका ने तुरंत ओटीपी बताने से मना कर दिया. जिससे लाभार्थी साइबर फ्रॉड का शिकार होने से बाल-बाल बच गयीं.
क्या है एफआरएस नियम
सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं व बच्चों को पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने के लिए हर माह चावल, चना, मूंग दाल, गेहूं, गुड़, सोयाबीन, तेल समेत अन्य पोषाहार वितरित किये जाते हैं. पहले यह वितरण ऑफलाइन डायरी मेंटेनेंस के जरिये होता था, लेकिन शिकायतों के बाद सरकार ने इसे ऑनलाइन एफआरएस के तहत लागू इस प्रक्रिया में आधार कार्ड से पहचान सत्यापन किया जाता है. जिसे केवल आइसीडीएस विभाग ही करता है. इसके बावजूद साइबर ठगों ने इसी नियम का सहारा लेकर लाभार्थियों को ठगना शुरू कर दिया है.
क्या कहते हैं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी
इस मामले पर प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी प्रियंबदा कुमारी ने बताया कि एक लाभार्थी के खाते से राशि निकलने की सूचना मिलने के बाद सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ बैठक कर उन्हें सतर्क किया गया है. साथ ही लाभार्थियों को भी किसी अनजान कॉल, ओटीपी या लिंक पर भरोसा न करने की सख्त हिदायत दी गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
