सरकारी निर्देश बेअसर, मलयपुर स्वास्थ्य केंद्र में ताले के बीच तड़पते मरीज
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर और समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर जिला प्रशासन भले ही लगातार दिशा-निर्देश जारी करता रहा.
बरहट. सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर और समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर जिला प्रशासन भले ही लगातार दिशा-निर्देश जारी करता रहा. लेकिन इन आदेशों का असर अस्पतालों में तैनात कर्मियों पर कहीं नजर नहीं आता. इसका जीता-जागता उदाहरण शुक्रवार को अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र मलयपुर में सामने आया, जहां स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी दिखी. शुक्रवार की सुबह करीब 10 बजे कई मरीज इलाज की उम्मीद लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन पूरा अस्पताल बंद पड़ा मिला. ओपीडी कक्ष, पंजीयन काउंटर और बगल में स्थित प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक का कार्यालय में ताले लटके थे. अस्पताल परिसर में केवल एक एनएम प्रमिला कुमारी ही मौजूद पाई गयीं. थोड़ी देर के बाद डाटा ऑपरेटर, जीएनएम संध्या सिंह और एक एनएम आई और सीधे अपने कमरे में चली गयी, लेकिन इसके बावजूद मरीजों का इलाज शुरू नहीं हो सका. वहीं ड्यूटी पर तैनात एक एनएम ने साफ तौर पर बताया कि डॉक्टर के नहीं आने के कारण वे अपनी मर्जी से मरीजों को दवा नहीं दे सकते. डॉक्टरों की गैरहाजिरी का खामियाजा सीधे मरीजों को भुगतना पड़ा. जिन्हें इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा, जबकि ओपीडी संचालन का समय 9:00 बजे से शुरू किया जाना है. बताते चलें की ठंड के मौसम में खांसी, बुखार, पेट और सिर दर्द से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. स्थानीय ग्रामीण वीर विजय विकास सिंह, सुमित सिंह, पुनिता देवी आदि ने बताया कि अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी नित्य देर से पहुंचते हैं. इसका नतीजा यह होता है कि मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता और उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ती है. इस संबंध में जब प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विवेक कुमार सिंह से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि मेरी मां की तबीयत खराब है, जिसके इलाज के लिए हम घर आए हुए हैं. इस संबंध में जिला चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी डॉक्टर नौशाद अहमद से जब बातचीत की गयी, तो उन्होंने बताया कि अगर सही समय से ओपीडी संचालन नहीं किया जा रहा है, तो मामले की जांच का उचित कार्रवाई की जाएगी.
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