बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार सभ्यता के माथे पर कलंक – प्रो गौरीशंकर
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय शांति व एकजुटता संगठन के सदस्य डॉ गौरीशंकर पासवान ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति दिन-ब-दिन-बद-से-बदतर होती जा रही है.
जमुई . बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय शांति व एकजुटता संगठन के सदस्य डॉ गौरीशंकर पासवान ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति दिन-ब-दिन-बद-से-बदतर होती जा रही है. हिंदुओं को प्रताड़ित करना सभ्यता के माथे पर कलंक है. उन्होंने कहा कि अगस्त 2024 में शेख हसीना को अपदस्थ करने के लिए जो चिंगारी सुलगी थी, वह आज भयावह अग्निकांड में बदल चुकी है. हाल ही में दीपू दास नामक एक हिंदू मजदूर को पुलिस की मौजूदगी में कट्टरपंथियों द्वारा पेड़ से लटकाकर जिंदा जलाने की घटना ने मानवता को झकझोर दिया है. अल्पसंख्यक हिंदुओं पर जुल्म, हिंसा और अत्याचार की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. डॉ पासवान ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र कोई वैश्विक सरकार नहीं, बल्कि सदस्य देशों का मंच है. वह तभी सक्रिय होता है, जब कोई सदस्य देश औपचारिक शिकायत करता है. विश्व मानवाधिकार की भाषा भले ही तेज हो, लेकिन उसके दांत टूटे हुए हैं. मौजूदा परिस्थिति में बांग्लादेश की यूनुस सरकार की चुप्पी अन्याय का समर्थन मानी जायेगी. बांग्लादेश में शांति नोबेल पुरस्कार से नहीं, बल्कि नीति और आचरण से आयेगी. धर्म और पहचान के नाम पर अधर्म का खेल बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार किसी एक देश की समस्या नहीं, बल्कि पूरी मानवता की विफलता है. जहां किसी समुदाय को उसकी पहचान के कारण जिंदा जलाया जाये, वहां पूरी मानवता कटघरे में खड़ी होती है.
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