किसान परिवार में पैदा हुए शैलेश ने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बनाया नया रिकॉर्ड

सफलता के बाद चारों तरफ से बधाइयों का शुरू हो गया है सिलसिला

By ANIMESH KUMAR | September 27, 2025 11:57 PM

पंकज कुमार सिंह, जमुई

शैलेश मूलत: जमुई जिले के अलीगंज प्रखंड के रहने वाले हैं. उनकी सफलता के बाद चारों तरफ से बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया है. शैलेश ने कहा कि जिस जगह से मैं आता हूं, वहां पैरा एथलेटिक्स के बारे में लोग जानते तक नहीं है. ऐसे में ट्रेनिंग की बात तो छोड़ ही दीजिए. उन्होंने कहा की शुरुआत में परिवार के लोगों को भी यह पता नहीं था, लेकिन बाद में धीरे-धीरे उनका साथ मिलने लगा तथा सांई सेंटर में ट्रेनिंग लेने के बाद अब मेरी स्थिति थोड़ी बहुत बेहतर हुई है. शैलेश ने बताया कि उन्हें काफी गर्व की अनुभूति हो रही है. भारत के लिए पदक जीतना ही उनका एकमात्र लक्ष्य रहा है. उल्लेखनीय है कि शैलेश के पिता किसान हैं और शैलेश बचपन से ही दिव्यांग हैं, परंतु इसके बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर एशियन गेम्स में अपनी जगह बनायी है. मालूम हो कि नयी दिल्ली में चल रही वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शनिवार को बिहार के शैलेश कुमार ने पहला स्वर्ण पदक जीता. हाइ जंप टी 42 में शैलेश ने 1.91 मीटर की छलांग लगा कर इस चैंपियनशिप का नया रिकॉर्ड बनाया.

इस्लामनगर के रहने वाले हैं शैलेश, किसान है इनके पिता

शैलेश कुमार जमुई जिले के अलीगंज प्रखंड के इस्लामनगर के रहने वाले हैं और उनके पिता मूल रूप से किसान हैं. शैलेश ने इससे पहले पैरा एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप में 1.83 मीटर ऊंची छलांग लगायी थी तथा हाई जंप प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे थे. शैलेश इससे पहले बेंगलुरु में आयोजित पांचवीं इंडियन ओपन पहले एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ऊंची कूद प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया था. शैलेश कुमार का चयन पेरिस पैरालंपिक 2024 के लिए भी हुआ था. चीन के हांगझू में एशियाई पारा गेम्स 2023 में शैलेश ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था. शैलेश ने फ्रांस के पेरिस में आयोजित हुए पैरा एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप की प्रतियोगिता में हाई जंप स्पर्धा में दूसरा स्थान हासिल करते हुए रजत पदक अपने नाम किया था. जिसके बाद से ही एशियन गेम्स में उनका चयन किया गया था.

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