लखन हत्याकांड में प्राथमिकी दर्ज, दो नामजद
पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव हत्याकांड को लेकर चरकापत्थर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
सोनो . पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव हत्याकांड को लेकर चरकापत्थर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मृतक लखन की पत्नी चिल्काखार निवासी आरती देवी ने घटना को लेकर दो नामजद व तीन चार अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है. जानकारी देते हुए चरकापत्थर थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि उक्त हत्याकांड में चिल्काखार निवासी मनोज हांसदा और पंकज यादव को नामजद किया गया है, जबकि तीन चार अन्य अज्ञात भी घटना में शामिल थे. मनोज व पंकज के विरुद्ध पूर्व से ही कई नक्सल कांडों में प्राथमिकी है. पुलिस दोनों की तलाश में अभियान चला रखा है, लेकिन फिलहाल दोनों पकड़ से दूर है. बताते चलें कि बीते शनिवार देर शाम पूर्व नक्सली कमांडर लखन यादव की बाराटांड़ में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. दो बाइक पर सवार हमलावरों ने बाराटांड़ में लखन पर कई राउंड फायरिंग की थी. गोली लगने से लखन की मौत मौके पर ही हो गयी थी. शनिवार को लखन समीप के गांव बाराटांड़ गया था. मृतक की पत्नी ने नामजद आरोपितों पर आरोप लगाया है कि यही लोग लखन को पार्टी करने के बहाने बुलाकर ले गये और अन्य तीन चार लोगों के साथ मिलकर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि हत्या का कारण आपसी रंजिश हो सकता है.
लेवी की राशि के लेन देन में रंजिश की आशंका
लखन यादव की हत्या के कारण को लेकर कई तरह की चर्चा के बीच पुलिस को लगता है कि लेवी की राशि के लेन देन को लेकर हुए रंजिश के कारण लखन की हत्या हुई होगी. वैसे तो जब तक हत्यारे पकड़े नहीं जाते तब तक हत्या का मूल कारण पता नहीं चलेगा. स्थितियों पर गौर करने पर लगता है कि हत्या आपसी रंजिश का ही परिणाम है. लखन की हत्या में जिन दो लोगों मनोज हांसदा और पंकज यादव का नाम आया है, वे दोनों खुद भी नक्सल गतिविधियों में लिप्त रहे हैं. जबकि मृतक खुद नक्सल कमांडर रह चुका था. मृतक और हत्यारे तीनों एक ही गांव चिल्काखार के रहने वाले हैं. पुलिस को लगता है कि मनोज व पंकज का लखन के साथ किसी बात को लेकर अवश्य रंजिश हुई होगी. हो सकता है कि रंजिश का कारण लेवी की कोई बड़ी राशि रही हो. बहरहाल पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है और आरोपितों की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किया जा रहा है.
आरोपित मनोज व पंकज का रहा है नक्सल इतिहास
बीते शनिवार को बाराटांड़ में हुए पूर्व नक्सली कमांडर चिल्काखार निवासी लखन यादव की हत्या मामले में चिल्काखार निवासी मनोज हांसदा और पंकज यादव का नाम आया है. दोनों पूर्व में कई नक्सल वारदातों को अंजाम दे चुका है. वर्ष 2025 में ही दोनों अलग अलग जगहों से पुलिस की गिरफ्त में आया था. यूं तो दोनों ही नक्सल संगठन में काम किये है, लेकिन नक्सल घटनाओं को अंजाम देने में मनोज हांसदा का लंबा इतिहास रहा है और कई बार जेल भी जा चुका है. बीते 10 मई 2025 को चरकापत्थर और चकाई की जंगली सीमा बरमोरिया जंगल से उसे गिरफ्तार किया गया था जबकि पंकज चकाई से गिरफ्तार हुआ था. डेढ़ दो माह पूर्व ही दोनों जेल से निकला था. बताया जा रहा है कि लखन यादव जब नवादा क्षेत्र की कमान संभाला था तब उसके गांव का मनोज हांसदा उसकी टीम का प्रमुख अंग था.
कौन है मनोज हांसदा
चरकापत्थर थाना क्षेत्र के चिल्काखार निवासी मंगरू हांसदा का पुत्र 36 वर्षीय मनोज हांसदा की पहचान एक हार्डकोर नक्सली के रूप में रह चुका है. महज 20-22 वर्ष की उम्र में ही नक्सल संगठन से जुड़ गया था. वर्ष 2013 में पहली बार उसका नाम नक्सल कांड में आया था. तब से समय समय पर कई नक्सल वारदातों में उसका नाम भी आया और समय समय पर वह पुलिस की गिरफ्त में भी आता रहा. मनोज हांसदा पर चरकापत्थर थाना के अलावे खैरा, चंद्रदीप और नवादा जिला के कौवाकोल थाना में भी कई नक्सल कांड दर्ज हुआ था. अब तक वह चार बार गिरफ्तार भी हो चुका है. 2015 के समय में सरकार ने इस पर इनाम भी रखा था. अपने गांव के नक्सली कमांडर लखन के अलावे वह चिराग और सिद्धू कोड़ा के साथ भी रह चुका है. उसकी पत्नी मीना कोड़ा भी नक्सल संगठन की सदस्य रह चुकी है. पहली बार 18 सितंबर 2017 को वह मरियम पहाड़ी जंगल से गिरफ्तार किया गया था. जेल में कुछ समय बिताने के बाद जब बाहर आया तब दो वर्ष बाद 10 सितंबर 2019 को वह फिर सीआरपीएफ की गिरफ्त में आ गया था. तीसरी बार वह 6 मई 2024 को नवादा कोर्ट से आर्म्स एक्ट व हत्या मामले में जारी वारंट को लेकर गिरफ्तार किया गया था और चौथी बार इसी वर्ष 10 मई को बरमोरिया से गिरफ्तार हुआ था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
