कमाल का है जमुई शिक्षा विभाग का अंग्रेजी ज्ञान, नहीं पता बेड व बैड के बीच का अंतर

एक पन्ने के पत्र में चौदह गलती, अब जारी किया शुद्धि पत्र

By Prabhat Khabar Print | May 25, 2024 7:23 PM

जिनके जिम्मे पूरे जिले के नौनिहालों का भविष्य, उन्हें ही सामान्य अंग्रेजी का नहीं है ज्ञानएक पन्ने के पत्र में चौदह गलती, अब जारी किया शुद्धि पत्रजमुई. जिनके कंधों पर जिले के लाखों नौनिहालों का भविष्य है, उनको ही सामान्य भाषा का ज्ञान नहीं है. स्थिति यह है कि शिक्षा विभाग को बेड (बिस्तर) व बैड (बुरा) के बीच का फर्क मालूम नहीं है. जिन शब्दों को सामान्यतः बच्चों को पहली या दूसरी कक्षा में पढ़ाया जाता है, शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को उन शब्दों का मतलब भी नहीं पता है. मामला शिक्षा विभाग के एक पत्र से जुड़ा हुआ है, जिसमें शिक्षा विभाग ने एक या दो नहीं बल्कि एक दर्जन से अधिक बार एक ही गलती को दोहरायी है. विभाग की नजर में कई ऐसे शिक्षक हैं जो बेड (बिस्तर) परफॉर्मेंस करते पकड़े गये, जिनके खिलाफ विभाग ने एक्शन लिया है. दरअसल इन दिनों जिले भर के स्कूलों में लगातार निरीक्षण किया जा रहा है. इसे लेकर टीम बनायी गयी है. रोस्टर के अनुसार सभी विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है. निरीक्षण के क्रम में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक तथा टोला सेवकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जबकि शिक्षा विभाग के द्वारा बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ भी एक्शन लिया जा रहा है. इसे लेकर ही 22 मई को जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से एक पत्र जारी कर जिले के 16 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गयी थी. इसमें तीन शिक्षक ऐसे थे जो निरीक्षण के दौरान विद्यालय से अनुपस्थित मिले थे, जबकि 13 शिक्षकों के खराब प्रदर्शन को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिये थे.

विभाग को नहीं है सामान्य शब्दों की जानकारी:

निरीक्षण के बाद 16 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय ज्ञापांक 3755 दिनांक 22 मई 2024 के माध्यम से एक कार्यालय आदेश निर्गत किया गया. इसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा दिनांक 22 मई को जिला अंतर्गत निरीक्षण कार्य से अनुपस्थित तथा बेड (बिस्तर) परफॉर्मेंस के आधार पर शिक्षा सेवकों के विरुद्ध निरीक्षण तिथि के वेतन की कटौती का निर्देश दिया गया था. लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी के इस पत्र में बैड (बुरा) को बेड (बिस्तर) लिखा गया है, और यह गलती एक या दो जगह नहीं बल्कि एक पत्र में 14 बार इस शब्द को गलत लिखा गया है. ऐसे में सहज इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस विभाग के ऊपर जिले के नौनिहालों का भविष्य टिका है तथा जो विभाग बच्चों की गलती सुधारने तथा उन्हें शिक्षित बनाने के दायित्व के निर्वहन करने का दावा करते हों, उनके वरीय पदाधिकारी के द्वारा ऐसी लापरवाही कहां तक सही है.

एक नहीं बल्कि तीन-तीन पत्रों में की एक समान गलती:

गौरतलब है कि जिला शिक्षा विभाग के द्वारा इन दिनों लगातार निरीक्षण का सिलसिला जारी है. प्रत्येक दिन के निरीक्षण के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से पत्र जारी किया जाता है. 22 मई को जारी पत्र में की गयी गलती शिक्षा विभाग के द्वारा कोई पहले अशुद्धि नहीं थी. बल्कि इससे पहले भी विभाग के द्वारा ऐसी गलतियां की गयी है. बताते चलें कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय ज्ञापांक 3738, दिनांक 20 मई 2024 तथा ज्ञापांक 3742 दिनांक 21 मई 2024 के निरीक्षण को लेकर जारी पत्र में भी बैड (बुरा) परफॉर्मेंस को बेड (बिस्तर) परफॉर्मेंस लिख गया था. ये सभी शब्द अंग्रेजी में लिखे गये थे तथा बीएडी की जगह बीईडी लिखा गया था. इसके बाद 22 मई को शिक्षा विभाग के कार्यालय से जारी ज्ञापांक 3755 में भी केवल कॉपी पेस्ट कर ही पत्र जारी कर दिया गया, जिस कारण यहां भी एक समान गलती बरकरार रह गयी.

अब विभाग ने इसे लेकर जारी किया है दूसरा पत्र:

जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से जारी पत्र में बैड परफॉर्मेंस को बेड परफॉर्मेंस लिखने के बाद अब इस मामले में उन्होंने शुद्धि पत्र जारी किया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार के कार्यालय से इसे लेकर ज्ञापांक 3758 के तहत यह पत्र जारी किया गया है. इसमें लिखा गया है कि दिनांक 20 मई, 21 मई व 22 मई को शिक्षा सेवकों के वेतन की कटौती को लेकर पत्र जारी किया गया था. इसमें टाइपिंग मिस्टेक के कारण बैड परफॉर्मेंस के स्थान पर बेड परफॉर्मेंस लिखा गया था. बेड परफॉर्मेंस को बैड परफॉर्मेंस पढ़ा जाये. बहरहाल जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से जारी यह सभी पत्र सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है तथा लोग इसे लेकर तरह-तरह की बातें भी कर रहे हैं.

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