सोनो चौक पर एनएच के दोनों ओर चला बुलडोजर, किया गया अतिक्रमण मुक्त
डीएम के आदेश पर प्रशासन द्वारा बीते दो दिनों में अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया.
सोनो. डीएम के आदेश पर प्रशासन द्वारा बीते दो दिनों में अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया. एनएच 333 के बीच सड़क से दोनों तरफ 40 फीट के माप में जो भी अवैध निर्माण था उसमें कुछ लोगों ने बीते सप्ताह से ही अपना निर्माण हटाना शुरू कर दिया था जो बच गया उस पर बीते 10 व 11 दिसंबर को बुलडोजर की कार्रवाई की गयी. बड़े पैमाने पर मुख्य सड़क के दोनों तरफ बने अवैध निर्माण को हटाने के दौरान प्रशासनिक पदाधिकारी व पुलिस बल भी मौजूद रही. बुलडोजर की कार्रवाई को देखने लोगों की भीड़ भी लगी रही. सोनो चौक और चौक से आगे सिंचाई कॉलोनी के समीप तक कार्रवाई हुई. सोनो के अलावे इस एनएच पर खपरिया, काली पहाड़ी और बटिया में भी अतिक्रमण हटाने का अभियान चला. अतिक्रमण हटने से सड़के चौड़ी दिखने लगी. जिन लोगों के निर्माण व दुकान इस अभियान में नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए उन्होंने जहां प्रशासन के इस कार्य को परेशान करने वाला कदम बताते हुए इसकी निंदा की, जबकि अधिकतर लोगों ने अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि सड़क का अतिक्रमण करना ही नहीं चाहिए था. दो दिनों की कार्रवाई के बाद शुक्रवार को बुलडोजर शांत रहा.
चौक से बाजार जाने वाली मुख्य सड़क पर कार्रवाई का इंतजार
प्रशासन द्वारा सोनो में एनएच के दोनों तरफ हुए अतिक्रमण को हटाने के बाद अब लोग चौक से बाजार जाने वाली मुख्य सड़क की भी शीघ्र अतिक्रमण मुक्त होने की आस लगाए हुए है. यह सड़क भी काफी चौड़ी है जो अतिक्रमण के बाद सिकुड़कर आधी रह गयी है. दुकानदार अपने दुकान के सामान को सड़क के फ्लैंक पर रखते हैं, जबकि बाइक व अन्य छोटे वाहन का सड़क पर पड़ाव होता है. इस सड़क के दोनों किनारे पूरी तरह अतिक्रमित होने से प्रतिदिन जाम की समस्या रहती है इससे लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है. चौक पर एनएच के अतिक्रमण मुक्त होने के बाद आम अवाम की उम्मीदें बढ़ गयी है. उन्हें लग रहा है कि जल्द ही इस सड़क पर भी बुलडोजर कार्रवाई होगी.
अतिक्रमण मुक्त जगहों पर अब वाहनों का होने लगा पड़ाव, स्थिति फिर अतिक्रमण जैसा ही
पहले माइकिंग कर प्रशासन ने चौक पर लोगों से खुद अवैध निर्माण हटवाया. बाद में 10 दिसंबर से बुलडोजर द्वारा अतिक्रमण हटाकर जगह को अतिक्रमण मुक्त किया, लेकिन दो दिन बाद ही खाली हुआ जगह वाहनों का पड़ाव स्थल बन गया. यानी अतिक्रमण मुक्त होने के बाद खाली जगह का पुनः अस्थाई अतिक्रमण शुरू हो गया है. खाली हुए चौड़ी जगहों पर अब वाहनों का पड़ाव होने लगा है साथ ही ठेले पर दुकानें लगनी शुरू हो गयी है. बुद्धिजीवियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि खाली हुए जगह खाली ही रहें और उसका उपयोग यातायात के लिए हो न कि वाहनों के पड़ाव व अस्थाई दुकानों के लिए हो. दोनों तरफ जहां से अवैध निर्माण को हटाया गया है वहां जमीन को जेसीबी से समतल करना भी जरूरी है ताकि वाहनों के आवागमन में दिक्कत न हो.
प्रशासन सजग और सख्त रहता तो नहीं होता अतिक्रमण
लोग यह कहते भी पाये गये कि वर्षों से इतने बड़े स्तर पर जो अतिक्रमण हुआ, वह शायद न होता यदि प्रशासन सजग और सख्त रहता. प्रशासन के नाक के नीचे अतिक्रमण होता रहा, वाहनों की आवाजाही में परेशानी होती रही और घंटों जाम होते रहे थे, लेकिन प्रशासन उदासीन बैठा रहा. शुरू के समय में ही प्रशासन सख्ती दिखाती तो शायद इतने अधिक अतिक्रमण नहीं होते. अभी भी चौक से बाजार वाले मुख्य सड़क की स्थिति बदतर है, लेकिन प्रशासन मौन है. पता नहीं अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान इस सड़क में चलेगा या नहीं.
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