अटल जी सुशासन व लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रेरणास्रोत : निखिल
संवेदनशील कवि एवं ओजस्वी वक्ता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे भारतीय लोकतंत्र की जीवंत आत्मा और राष्ट्रवाद के सशक्त प्रतीक थे.
जमुई. संवेदनशील कवि एवं ओजस्वी वक्ता भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे भारतीय लोकतंत्र की जीवंत आत्मा और राष्ट्रवाद के सशक्त प्रतीक थे. उक्त बातें अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर युवा भाजपा नेता निखिल कुमार सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के प्रति समर्पित रहा. उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया और राजनीति को नैतिकता व आदर्शों से जोड़कर एक नई दिशा दी. अटल जी के नेतृत्व में भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण के माध्यम से विश्व मंच पर अपनी सामरिक क्षमता का प्रदर्शन किया, वहीं लाहौर बस यात्रा के जरिए शांति, संवाद और सौहार्द का संदेश भी दिया. निखिल ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी ने आधारभूत संरचना के क्षेत्र में ऐतिहासिक और दूरगामी निर्णय लिए. स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, ग्रामीण सड़कों का विस्तार तथा दूरसंचार क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन उनके दूरदर्शी नेतृत्व के प्रमाण हैं. उन्होंने कहा कि अटल जी के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता उनकी विनम्रता और उदारता थी. वे विपक्ष का भी सम्मान करते थे और संसदीय परंपराओं को मजबूती प्रदान करते थे. उनकी कविताओं में संवेदनशीलता, मानवीय मूल्य और गहन राष्ट्रप्रेम स्पष्ट रूप से झलकता है. अंत में निखिल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर देशवासियों को उनके विचार राष्ट्र प्रथम, सुशासन, लोकतंत्र और सामाजिक समरसता को आत्मसात करने का संकल्प लेना चाहिए. अटल जी का जीवन और योगदान सदैव देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा.
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