कोहरे की चादर में लिपटा जिला, सड़कें सूनीं व घरों में भी ठिठुरे लोग
पूस के मास का बुधवार को कोहरे की चादर से पूरा जिला लिपटा रहा. सड़कों पर लोगों व वाहनों की आवाजाही बेहद कम नजर आयी.
चकाई . पूस के मास का बुधवार को कोहरे की चादर से पूरा जिला लिपटा रहा. सड़कों पर लोगों व वाहनों की आवाजाही बेहद कम नजर आयी. शीतलहर से लोग घरों में ठिठुरते रहे. इस कड़ाके की ठंड में लोग अलाव का सहारा लेते दिखे. बीते एक सप्ताह से क्षेत्र में कोहरा छाया हुआ है, लेकिन बीते मंगलवार रात से बुधवार पूरे दिन भर घना कुहासा छाये रहने से स्थिति और भी गंभीर हो गयी. घने कोहरे के कारण दृश्यता काफी कम हो गयी थी. हालात ऐसे रहे कि पांच गज की दूरी भी साफ नजर नहीं आ रही थी. इससे सड़क पर वाहनों का परिचालन बुरी तरह प्रभावित रहा. इक्का-दुक्का वाहन ही सड़कों पर रेंगते नजर आये. दुर्घटना की आशंका को देखते हुए अधिकांश वाहन चालकों ने दिन में भी वाहनों की लाइट जलाकर आवागमन किया. कोहरे के साथ तेज पछुआ हवा चलने से ठंड में एकाएक इजाफा हो गया. चौक-चौराहों व बाजारों में, जहां आमतौर पर दिन भर चहल-पहल रहती है, बुधवार को सन्नाटा पसरा रहा. भीषण शीतलहर से बचाव के लिए कई स्थानों पर लोग अलाव जलाकर आग सेंकते नजर आये. स्थानीय लोगों के अनुसार, बुधवार का दिन अब तक का सबसे ठंडा दिन रहा. ठंड से बचाव को लेकर पिछले दो दिनों से अंचल अधिकारी राजकिशोर प्रसाद के निर्देश पर चकाई प्रखंड कार्यालय, चकाई चौक, जयप्रकाश चौक, निजी व सरकारी बस पड़ावों पर अलाव जलाने के लिए लकड़ियां उपलब्ध करायी गयी हैं. हालांकि लोगों का कहना है कि यह व्यवस्था नाकाफी है और अलाव के लिए लकड़ियों की मात्रा बढ़ायी जानी चाहिए, ताकि गरीब व असहाय वर्ग, रिक्शा-ठेला चालक और भिखारी लंबे समय तक आग सेंककर राहत पा सकें. इस संबंध में पूछे जाने पर अंचल अधिकारी ने बताया कि भीषण ठंड को देखते हुए अलाव जलाने के लिए और लकड़ियां उपलब्ध करायी जायेंगी, ताकि लोगों को शीतलहर से राहत मिल सके.
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